शिक्षकों की समस्याओं का समाधान करने के लिये व्यवस्था बनाई जायेगी श्री चौहान की राज्य अध्यापक संघ के प्रतिनिधियों से चर्चा
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि शिक्षकों की समस्याओं का समाधान करने के लिये व्यवस्था बनाई जायेगी। शिक्षा की गुणवत्ता पर शिक्षकों से संवाद भी किया जायेगा। श्री चौहान ने यह बात आज राज्य अध्यापक संघ के नवनियुक्त अध्यक्ष के साथ आये संघ के जिला अध्यक्षों और प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्यों के साथ चर्चा में कही। उन्होंने बताया कि समाज के वर्गों के साथ संवाद की श्रंखला को आगे बढ़ाया जा रहा है। इसी कड़ी में शिक्षकों, छात्रों, कामकाजी महिलाओं आदि विभिन्न समुदायों वर्गों के साथ संवाद के कार्यक्रम किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा में सद्भाव का वातावरण जरूरी है। अध्यापक संवर्ग मान-सम्मान से जीयें और बच्चों का भविष्य बनायें। उन्होंने कहा कि शिक्षक उनके दिल में बसते हैं। वे भावी पीढ़ी के निर्माता हैं। इसी भावना के साथ कार्य करते हुये कर्मी कल्चर को खत्म कर अध्यापक संवर्ग बनाया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अध्यापकों के लिये जो कुछ किया है वह अपना कर्त्तव्य मानकर न्याय की भावना से किया है। आगे भी इसी भावना के साथ शिक्षकों के कल्याण कार्य किये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में राज्य सरकार के खजाने से लगभग 8 हजार करोड़ रूपये किसानों को राहत, ब्याज और विद्युत सब्सिडी के रूप में वितरित किये जा रहे हैं। श्री चौहान ने कहा कि प्रतिनिधि मंडल द्वारा बताई गयी समस्याओं पर संघ के प्रतिनिधियों के साथ शीघ्र चर्चा कर समाधान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं का समाधान हो। इसके लिये प्रतिनिधियों के साथ नियमित चर्चा की जाएगी।
विधायक श्री मुरलीधर पाटीदार ने अध्यापकों की क्रमोन्नति की विसंगति एवं अन्य मांगों की जानकारी दी। राज्य अध्यापक संघ के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री जगदीश यादव ने कहा कि वर्ष 1995 में अध्यापकों को मात्र 5 सौ रूपये मिलते थे। आज जो कुछ भी अध्यापकों को मिला है। वह इसी सरकार ने दिया है। इसके लिये अध्यापक संघ और उनके परिजन सदैव आभारी रहेंगे। इस मौके पर अध्यापक संघ के प्रदेश संयोजक श्री बलराम पंवार, श्री राघवेन्द्र सोहगौरा, श्री दर्शन सिंह चौधरी, गौ संबर्धन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष श्री शिव चौबे, राज्य अध्यापक संघ की कार्य कारिणी सदस्य श्री भरत भार्गव, श्री राजेश एलिया, श्री शैलेन्द्र त्रिपाठी, श्री भगवती शर्मा, श्री प्रभुराम मालवीय, श्री विपिन तिवारी, श्री पुष्पराज सिंह परमार, श्री पुष्पेन्द्र जोशी, श्री सुखेन्द्र सिंह एवं श्री अखिलेश चौहान उपस्थित थे।