रिकार्ड 943 मेगावॉट पवन ऊर्जा ग्रिड से जुड़ेगी

rajendra shukla

एम.पी. पावर मेनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रदेश में घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे और सिंचाई के लिए 10 घंटे बिजली उपलब्ध करवाने में पारम्परिक बिजली के साथ पवन ऊर्जा (विंड एनर्जी) का चालू वित्तीय वर्ष में महत्वपूर्ण योगदान है। इस वर्ष में रिकार्ड 943 मेगावॉट पवन ऊर्जा ग्रिड से जुड़ेगी।

प्रदेश में चालू वित्तीय वर्ष 2015-16 के प्रारंभ में पवन ऊर्जा का कुल अंश 698.55 मेगावॉट था। वित्तीय वर्ष के जनवरी माह तक इसमें 399.4 मेगावॉट का अंश और जुड़ा तथा 31 मार्च 2016 तक 543.9 मेगावॉट पवन ऊर्जा ग्रिड से और जुड़ जाएगी। इस प्रकार वित्तीय वर्ष 2015-16 में 943.3 मेगावॉट क्षमता की पवन ऊर्जा ग्रिड से जुड़ रही है, जो कि एक कीर्तिमान है।

वर्तमान में मध्यप्रदेश के सभी श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं को बिजली की सप्लाई की जा रही है। इसमें मार्च 2016 के आंकड़ों के अनुसार, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा का अंश 2211.475 मेगावॉट है। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा में पवन, सोलर, स्माल हाइड्रो एवं बॉयोमास-बॉयो गैस के माध्यम से उत्पादित होने वाली बिजली शामिल है।

मध्यप्रदेश को मिलेगा बेस्ट सोलर स्टेट ऑफ इंडिया अवार्ड

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एम.पी. पावर मेनेजमेंट कम्पनी प्रदेश में बिजली उपलब्धता के मापदंड के अनुरूप नवीन तथा नवकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी को अनुपातिक रखने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश द्वारा सोलर बिजली की उपलब्धता में किए गए सार्थक कार्यों को देखते हुए रिनेवल एनर्जी प्रमोशन एसोसिएशन (आरइपीए-रेपा) द्वारा 9 मार्च को नई दिल्ली में बेस्ट सोलर स्टेट ऑफ इंडिया 2015-16 का पुरस्कार प्रदान किया जा रहा है।

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