वेटलैंड के संरक्षण और विकास में संतुलन आवश्यक
इंदौर में नेचर वालिंटियर्स समूह के व्याख्यान में रेरा अध्यक्ष श्री डिसा
दिसम्बर 22, 2018
रेरा अध्यक्ष श्री अंटोनी डिसा ने कहा है कि पर्यावरण संतुलन और संरक्षण में वेटलैंड की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार कर, नगरीय भूमि के विकास एवं नियोजन में, उसे यथोचित महत्व दिये जाने की जरूरत है। श्री डिसा इन्दौर प्रेस क्लब में ‘नेचर-वालिंटियर्स” समूह के वार्षिक व्याख्यान माला को संबोधित कर रहे थे।
श्री डिसा ने कहा कि विकास और पर्यावरण के बीच ऐसा संतुलन बनाये रखने की जरूरत है, जिससे बढ़ती आबादी की बुनियादी जरूरत को पर्यावरण को न्यूनतम क्षति के साथ पूर्ण किया जाये। उन्होंने कहा कि दुर्लभ प्रजातियों को विलुप्त होने से बचाने में वेटलैंड महत्वपूर्ण दायित्व निभाते हैं।
मुख्य वक्ता के रूप में विश्व प्रकृति निधि (भारत) के सी.ई.ओ. जनरल श्री रवि सिंह ने कहा कि वेटलैंड जमीनी जल-स्त्रोतों को रिजर्व करने तथा बाढ़ के पानी को रोकने के अलावा, अन्य महत्वपूर्ण पर्यावरणीय कार्यों के लिये जरूरी है। साथ ही वे डाउनस्ट्रीम जल, प्रदूषण निवारण तथा मत्स्य और वन्य-जीवन के संरक्षण में भी सहायता करते हैं। अतएव इनके संरक्षण की महती आवश्यकता है।
उल्लेखनीय है कि नेचर वालिंटियर्स समूह का गठन पद्मश्री श्री भालू मोंढे श्री अभिलाष खांडेकर सहित अन्य द्वारा किया गया है। समूह द्वारा, पर्यावरण को आसन्न खतरों के प्रति जन-जागृति लाने तथा इससे संबंधित तात्कालिक महत्व के विषयों को, जन-सामान्य के प्रकाश में लाने हेतु, इस तरह की व्याख्यान मालाएँ की जाती हैं। व्याख्यान-माला को पूर्व में, ख्याति प्राप्त पर्यावरणविद यथा सुनील तांबे मनु भटनागर, डा असद रहमानी अर्चना गोडबोले भी संबंधित कर चुके है। आभार प्रदर्शन समूह के सचिव श्री डी.के. वासुदेवन ने किया।