स्व. कुशाभाऊ ठाकरे द्वारा स्थापित आदर्श प्रेरणादायी हैं – केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर
स्व. ठाकरे जी ने सुचिता की राजनीति की – उद्योग मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल
अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा के तत्वाधान में कुशाभाऊ ठाकरे स्मृति व्याख्यान माला का आयोजन आज सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि स्व. ठाकरे जी द्वारा स्थापित आदर्श प्रेरणादायी हैं। उनकी कथनी एवं करनी एक थी इसी लिए वह जन-जन के प्रेरणा स्त्रोत हैं।
विश्वविद्यालय के शंंभूनाथ शुक्ल सभागार में आयोजित 15वीं कुशाभाऊ ठाकरे व्याख्यान माला में केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि ठाकरे जी ने व्यक्ति निर्माण की प्रक्रिया में लगातार परिश्रम किया। वह किये जाने वाले कार्य को ही ईश्वरीय कार्य मानकर सार्वजनिक निर्माण को ही मान्यता देते थे। उन्होंने स्व. ठाकरे जी के सानिध्य में किये गये कार्यों की चर्चा करते हुए उन्हें अपना आदर्श बताया तथा अपेक्षा की कि युवा पीढ़ी उनसे सार्वजनिक जीवन की प्रेरणा ले व राष्ट्र निर्माण में सहभागी बनें। उन्होंने इस आयोजन के सूत्रधार भगवतशरण माथुर को साधुवाद दिया।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने अपने उद्बोधन में कहा कि ठाकरे जी ने सुचिता की राजनीति की। सुचिता व मजबूत नेतृत्व से ही आंतरिक व बाहृय सुरक्षा की चुनौतियाँ समाप्त हो सकती हैं। श्री शुक्ल ने कहा कि सुरक्षा की विश्वसनीयता पर ही विकास की नीव रखी जाती है। उन्होंने रीवा में आयोजित होने वाली कुशाभाऊ ठाकरे व्याख्यान माला को पथ प्रदर्शक बताते हुए कहा कि इस आयोजन में आने वाले मनीषियों व विचारकों के व्याख्यान हमें सीख व नई दिशा देने का कार्य करते हैं।
इससे पूर्व व्याख्यान माला के विषय “”आंतरिक और बाहृय सुरक्षा की चुनौतियाँ”” पर मुख्य वकतव्य देते हुए विधायक कैलाश विजय वर्गीय ने कहा कि समाज के उत्थान में स्व. ठाकरे जी का योगदान अविस्मरणीय रहेगा। सुदृढ़ नीति व सक्षम नेतृत्व से ही बाहृय सुरक्षा के खतरों से बचा जा सकता है। हमारी सेना देश की एकता, सुरक्षा व संप्रभुता के लिये हमेशा सजग व सतर्क रहती है। श्री विजय वर्गीय ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों चाहे वह राजनैतिक हो या सामाजिक, सांस्कृतिक सभी को मिलकर ईमानदार नागरिक का दायित्व निभाते हुए खतम किया जाना चाहिए।
कार्यक्रम में विषय प्रवर्तन करते हुए विचारक भगवत शरण माथुर ने कहा कि आंतरिक व बाहृय सुरक्षा की चुनौतियाँ प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से हमारे सामने है। देश के सभी वर्गों विचार धाराओं के लोगों को समवेत होकर इसका मुकावला करना होगा और सुदृढ़ व मजबूत राष्ट्र निर्माण में सहभागी बनना होगा। उन्होंने समाज को जागरूक कर आगे आने वाली पीढ़ी को खुशहाल बनाने में सभी से सहयोग की अपेक्षा की।
इस अवसर पर सांसद जनार्दन मिश्र ने कहा कि देश में पूर्वकाल में असंगठन और निराशा के वातावरण के कारण बाहृय हुए। आज भी समाज में निराशा की संस्कृति हावी हो रही हैं जिसे समाप्त करना जरूरी है। उन्होंने महापुरूषों को आदर्श मानते हुए उनके बताये रास्तों पर चलकर आंतरिक व बाहृय चुनौतियों का सामना करने की बात कही।
कुलपति प्रो. के.एन. सिंह यादव ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कुशाभाऊ ठाकरे व्याख्यान माला आयोजन के विषय में जानकारी दी। इस अवसर पर श्रद्धांजलि व श्रद्धेय पत्रिका का विमोचन हुआ। स्व. कुशाभाऊ ठाकरे व्याख्यान मालाओं पर आधारित पुस्तक का भी अतिथियों ने विमोचन किया। कार्यक्रम में सांसद अजय प्रताप सिंह, महापौर ममता गुप्ता, विधायक गिरीश गौतम, विधायक केदार शुक्ला, विद्याप्रकाश श्रीवास्तव सहित जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, प्राध्यापक, छात्र-छात्राऐं, पत्रकार उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्रो. दिनेश कुशवाहा ने किया। कुल सचिव डॉ. बृजेश सिंह के आभार प्रदर्शन के साथ ही व्याख्यान माला का समापन हुआ।