आदिवासी, लोककला एवं संस्कृति पर केन्द्रित बघेलखण्ड भ्रमणशील कार्यशाला उद्योग मंत्री की उपस्थिति मे सम्पन्न
मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा आदिवासी, लोककला एवं संस्कृति पर केन्द्रित बघेलखण्ड भ्रमणशील कार्यशाला का आज रीवा में समापन हो गया। इसका आयोजन मध्यप्रदेश नाट़य विद्यालय भोपाल द्वारा किया गया। रीवा से पूर्व यह भ्रमणषील कार्यषाला सीधी में भी आयोजित की गई।
इस अवसर पर कार्यषाला में उपस्थित उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुुक्ल ने कहा कि कला और साहित्य को सहेज कर उसे अक्षुण्ण बनाये रखना है। इनके संवर्धन के लिये लगातार प्रयास जारी रखना है। आगे आने वाली पीढी इससे जुडे जिससे उनका व्यक्तित्व विकास हो और वे आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि विन्ध्य में कला और संस्कृति के क्षेत्र में एक से बढ़कर एक प्रतिभाषाली व्यक्ति हैं जिन्हें बेहतर प्रेरणा और मंच मिले तो वे अपनी प्रतिभा प्रदर्षन कर सकते हैं। उद्योग मं़त्री ने नाट़य टोली द्वारा पहली बार कादम्बरी नाटक का मंचन रीवा में करने के प्रस्ताव पर उन्हें यह नाटक राजकपूर आडिटोरियम में करने के लिये आमंत्रित किया। इसके साथ ही पांच दिवसीय नाट़य समारोह के आयोजन के लिये भी मं़त्री श्री षुक्ल ने अपनी मंषा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन विन्ध्य धरा में राजकपूर आडिटोरियम में होंगा तो इसकी अनुगूंज प्रतिध्वनित होगी।
कार्यषाला में नाट़य निर्देषक संजय उपाध्याय, प्रो. सत्यदेव त्रिपाठी, डाॅ चन्द्रिका प्रसाद चन्द्र, डाॅ. जयराम षुक्ल, डाॅ अमोल बटलोही, योगेष त्रिपाठी सहित नाट्य विद्यालय के विद्यार्थी सहित साहित्य एवं लोककला प्रेमी उपस्थित थे। कार्यक्रम में बघेलखण्ड नृत्य की प्रस्तुति भी दी गई।