कर्नाटक के उडुपी मे 30 साल बाद एक बार फिर धर्म संसद का आयोजन

कार्यक्रम को संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संबोधित करते हुए राम जन्मभूमि पर राम मंदिर बनाने की बात पर जोर दिया।

विश्व हिंदू परिषद् द्वारा आयोजित धरम संसद शुक्रवार से कर्नाटक के उडुपी में शुरू हुआ जिसमे 1200 साधु संतों के आलावा बीएचपी और आरएसएस के नेता हिस्सा ले रहे हैं। कार्यक्रम में गौ रक्षा और गौ सरंक्षण, कश्मीरी पंडितों की वापसी और यूनिफार्म सिविल कोड जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि राम जन्मभूमि पर सिर्फ राम मंदिर ही बनेगा और उन्हीं पत्थरों से बनेगा, उन्हीं की अगवानी में बनेगा, जो इसका झंडा उठाकर पिछले 20-25 वर्षों से चल रहे हैं। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रवि शंकर और योग गुरू बाबा रामदेव के शामिल होने की उम्मीद है।
कर्णाटक के उडुपी मे 30 साल बाद एक बार फिर धरम संसद का आयोजन हो रहा है। देश के अलग अलग हिस्सों से आए कई धार्मिक दिग्गज इस संसद मे शिरकत करने के लिए आए हुए हैं। सिद्धगंगा मठ के मठाधीश स्वामी शिव कुमार ने सम्मलेन का उद्धघाटन किया। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि राम जन्मभूमि पर सिर्फ राम मंदिर ही बनेगा और उन्हीं पत्थरों से बनेगा, उन्हीं की अगवानी में बनेगा, जो इसका झंडा उठाकर पिछले 20-25 वर्षों से चल रहे हैं।

पेजावर श्री ने भी राम मंदिर के विषय मे कहा के राम मंदिर मसले पर जल्द ही फैसल होने की उम्मीद है और एक साल के भीतर मंदिर के निर्माण का काम शुरू होगा। उडुपी के पेजावर मठ के ऋषि विश्वेष तीर्थ स्वामी ने बताया कि धर्म संसद को राजनीति और राजनीतिक एजेंडे से पूरी तरह अलग रखा जाएगा और यह विशुद्ध रूप से हिंदु संतों का एक सम्मेलन होगा।

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