रूक जाना नहीं योजना से एक लाख विद्यार्थी लाभान्वित

दस लाख उत्तर-पुस्तिकाओं का डिजिटल मूल्यांकन

मध्यप्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग की ‘रूक जाना नहीं योजना’ का प्रदेश के स्कूलों में पिछले दो सालों में एक लाख से अधिक बच्चों में अच्छा प्रभाव देखने को मिला है। रूक जाना नहीं योजना से कक्षा 10 के 40 हजार विद्यार्थियों और कक्षा 12 के करीब 60 हजार विद्यार्थियों को आगे पढ़ाई जारी रखने का मौका मिला है।

  • रूक जाना नहीं योजना में बोर्ड परीक्षा के एक लाख छात्र आगे की पढ़ाई रख सके जारी।   

  •  ओपन स्कूल ने सही और समय पर मूल्यांकन के लिये शुरू किया डिजिटल       मूल्यांकन।

  •  डिप्रेशन और आत्महत्या जैसी बुराइयों को दर करने में कारगर बनी योजना।

वर्ष 2016 से शुरू की गई यह योजना माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 10 और 12वीं के बोर्ड परीक्षा के बच्चों के लिये लागू की गई थी। योजना से लाभान्वित बच्चें अब आगे की कक्षाओं में निरंतर पढ़ाई कर रहे हैं।

मध्यप्रदेश राज्य ओपन स्कूल शिक्षा परिषद ने रूक जाना नहीं योजना वर्ष 2016 से शुरू की है। वर्ष 2016 में माध्यमिक शिक्षा मंडल से अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों को 4 अवसर प्रदान किये गये थे। वर्ष 2017 में बोर्ड की परीक्षा में अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों के लिये राज्य ओपन स्कूल 3 परीक्षाएँ आयोजित कर रहा है। ओपन स्कूल ने इस वर्ष अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों की विषय संबंधी कठिनाइयों को दूर करने के लिये जून माह के बाद प्रदेश भर में सात दिन का सम्पर्क कार्यक्रम भी चलाया है।

राज्य ओपन स्कूल ने योजना में शामिल विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं के सही और समय पर मूल्यांकन के लिये डिजिटल मूल्यांकन व्यवस्था का प्रयोग किया है। इसमें 10 लाख उत्तर पुस्तिकाओं की स्केनिंग कर डिजिटल मूल्यांकन किया गया। पूर्व के वर्षों में बोर्ड परीक्षा परिणाम के बाद असफल विद्यार्थियों में डिप्रेशन दिखने लगा था। कुछ विद्यार्थी आत्महत्या जैसे घातक कदम भी उठाते थे। यह योजना लागू होने से विद्यार्थी डिप्रेशन से बाहर आने लगे हैं।

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