शास. इंजी. महा. के अधिपत्य में उसके समग्र विकास हेतु भूमि की पर्याप्त उपलब्धता

रीवा के शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय के पास 130.44 एकड़ भूमि की उपलब्धता है जो इसके समग्र विकास के लिए पर्याप्त है।
तहसीलदार हुजूर ने बताया है कि रीवा में शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय की स्थापना के साथ ही इसे 165.44 एकड़ भूमि आवंटित की गयी थी। उक्त भूमि में से महाविद्यालय द्वारा 11 एकड़ भूमि का अधिपत्य नहीं लिया जा सका और वह अतिक्रमित हो गयी। इसी 11 एकड़ भूमि को नगर पालिका निगम रीवा को गरीबों के लिये प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के मकान बनाने हेतु आवंटित किया गया। महाविद्यालय की 19 एकड़ भूमि नवीन न्यायालय भवन के लिये तथा 5 एकड़ भूमि माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता महाविद्यालय के लिये आवंटित की गयी। उक्त शासकीय योजनों के लिये आवंटित भूमि के बाद भी महाविद्यालय के पास 130.44 एकड़ भूमि शेष रह जाती है जो महाविद्यालय के विस्तार हेतु पर्याप्त है। यह कथन तथ्य से परे है कि महाविद्यालय की भूमि को खुर्द बुर्द किया जा रहा है। अभी भी महाविद्यालय के पास 130.44 एकड़ भूमि शेष रहेगी जो उसके समग्र विकास व विस्तार हेतु पर्याप्त है।

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