रीवा तथा अन्य स्थलों के स्वतंत्रता आंदोलन के दुर्लभ अभिलेख एवं छायाचित्र की प्रदर्शनी

पुरातत्व आयुक्त श्री राजन ने किया शुभारंभ : प्रदर्शनी 24 अगस्त तक रहेगी

पुरातत्व आयुक्त श्री अनुपम राजन ने आज भोपाल में श्यामला हिल्स स्थित राज्य पुरातत्व संग्रहालय में ‘स्वतंत्रता आंदोलन 1857-1947’ के दुर्लभ अभिलेख और छायाचित्रों की प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य आम जनता, छात्रों एवं शोधार्थियों को स्वतंत्रता आंदोलन में मध्यप्रदेश से संबंधित गतिविधियों की जानकारी देना है। सभी लोगों के लिये 17 से 24 अगस्त तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में प्रवेश नि:शुल्क है। प्रदर्शनी का समय प्रात: 10.30 बजे से शाम 5.30 बजे है।

श्री राजन ने बताया है कि प्रदर्शनी में ग्वालियर, जबलपुर, रायपुर, रीवा, इंदौर एवं भोपाल के स्वाधीनता आंदोलन से संबंधित विभिन्न ऐतिहासिक एवं दुर्लभ अभिलेख एवं छायाचित्र प्रदर्शित किये गये हैं। प्रदर्शनी में 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में तात्या टोपे, नाना साहब, राजा मर्दन सिंह, अम्बापानी के आदिल एवं फाजिल मोहम्मद खान, मुगल शासक बहादुर शाह ज़फर एवं सोना खान के ज़मीदार नारायण सिंह के महत्वपूर्ण योगदान को दर्शाया गया है। बीसवीं सदी के स्वतंत्रता आंदोलन रॉलेट एक्ट के पारित होने एवं जलिया वाला बाग हत्याकांड के बाद पूरे देश में तीव्र प्रतिक्रिया हुई थी। असहयोग आंदोलन (1920), सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930) तथा भारत छोड़ो आंदोलन (1942) की घटनाओं को अभिलेखों एवं छायाचित्रों के माध्यम से सुरूचिपूर्ण और सरल ढंग से दर्शाया गया है।

प्रदर्शनी के शुभारंभ अवसर पर बड़ी संख्या में मौजूद स्कूल एवं कॉलेज के छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए श्री अनुपम राजन ने कहा कि बच्चों को स्वतंत्रता आंदोलन की घटनाओं, महानायकों और शहीदों की कुर्बानियों से परिचित कराने का यह एक प्रयास है। इस दौरान अभिलेखों एवं छायाचित्रों पर आधारित उत्तर खोजो प्रतियोगिता भी आयोजित की जा रही है।

 

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