बाढ की भयावह स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने तरलता स्थिति को बेहतर बनाने के लिए आंध्र प्रदेश एवं तमिलनाडु को फंड जारी किए

केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश एवं तमिलनाडु में बाढ की भयावह स्थिति को देखते हुए तत्‍काल कदम उठाते हुए उन्‍हें फंड जारी किए हैं जिससे कि उनकी तरलता स्थिति को बेहतर बनाया जा सके। तमिलनाडु के मुख्‍यमंत्री ने हाल की बाढों से हुए नुकसान पर एक विस्‍तृत ज्ञापन पत्र भेजा था। आंध्र प्रदेश के मुख्‍यमंत्री ने भी बाढ़ से हुये नुकसानों पर केन्‍द्रीय सहायता मांगने से संबंधित एक पत्र भेजा है। भारत सरकार 26 नवम्‍बर, 2015 को तमिलनाडु में केन्‍द्र सरकार के अधिकारियों की एक टीम तैनात कर रही है, जो नुकसान का प्राथमिक आकलन करेगा। जैसे ही आंध्र प्रदेश का ज्ञापन पत्र केन्‍द्र सरकार को प्राप्‍त होगा आंध्र प्रदेश में भी एक केन्‍द्रीय टीम भेजी जाएगी।

प्राकृतिक आपदाओं के मामले में वित्‍तीय सहायता के लिए रूपरेखा वित्‍त आयोगों की अनुशंसाओं पर आधारित है। वर्तमान रूपरेखा के तहत प्रत्‍येक राज्‍य के पास एक राज्‍य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) होता है। इस कोष में संसाधनों का 75 प्रतिशत केन्‍द्र सरकार द्वारा मुहैया कराया जाता है, ज‍बकि शेष 25 प्रतिशत राज्‍य सरकार द्वारा मुहैया कराया जाता है। अगर आपदा बड़े पैमाने की होती है, जिसकी पूर्ति एसडीआरएफ द्वारा नहीं की जा सकती, तो राज्‍य राष्‍ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से दावा कर सकते है। बाढ़ों के लिए एनडीआरएफ से संसाधनों का जारी किया जाना केन्‍द्र सरकार द्वारा किये गये एक आकलन पर आधारित होता है।

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