स्टेट बैंक ने कान्हा और गौरी को गोद लिया

160616n1

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल में बाघ कान्हा और बाघिन गौरी को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एक साल के लिये फिर गोद लिया है। बैंक के प्रबंध निदेशक श्री रजनीश कुमार ने दोनों वन्य-प्राणियों के लिये आवश्यक 4 लाख रुपये की राशि का चेक वन विहार के संचालक डॉ. अतुल श्रीवास्तव को सौंपा। संचालक ने वन्य प्राणी अंगीकरण योजना में प्रबंध निदेशक को कान्हा और गौरी संबंधी प्रमाण-पत्र दिये। मुख्य महाप्रबंधक श्री के.टी. अजीत भी मौजूद थे।

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान ने वन्य प्राणी अंगीकरण योजना एक जनवरी 2009 से प्रारंभ की थी। अब तक 58 वन्य प्राणी को गोद दिया जा चुका है। इससे वन विहार को 44 लाख 69 हजार 380 रुपये की आय हो चुकी है। स्टेट बैंक वर्ष 2010 से वन्य प्राणियों को गोद ले रहा है। सबसे पहले बैंक ने 31 जनवरी 2010 को बाघिन सीता को एक वर्ष के लिये गोद लिया था। मार्च 2011 से जुलाई 2014 तक बैंक ने बाघिन सीता और बाघ कान्हा को लगातार गोद लिया। बैंक अक्टूबर 2014 से बाघ कान्हा और गौरी को लगातार गोद ले रहा है।

वन विभाग ने वन्य प्राणियों को गोद लेने की यह योजना आम लोगों में वन्य प्राणियों के संरक्षण के प्रति सदभावना जगाने के लिये शुरू की थी। इसमें व्यक्तिगत, संस्थान, कारपोरेट-पब्लिक सेक्टर, राज्य शासन के उपक्रम आदि वन विहार के प्राणियों को मासिक, त्रैमासिक, अर्द्ध-वार्षिक या वार्षिक आधार पर गोद ले सकते हैं। इसके लिये नियत राशि मध्यप्रदेश टाइगर फाउण्डेशन सोसायटी भोपाल के नाम से देय चेक अथवा बैंक ड्राफ्ट जमा करना होता है। गोद लेने के लिये भुगतान की गई राशि में आयकर छूट मिलती है।

गोद लेने वाली संस्था या व्यक्ति को प्रति सप्ताह वन विहार में अधिकतम 6 सदस्य को एक वाहन के साथ नि:शुल्क प्रवेश की सुविधा मिलती है। साथ ही गोद लिये गये वन्य प्राणी के बाड़े के बाहर और दोनों प्रवेश द्वारों पर नाम पट्टिका भी लगाई जाती है।

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *