कार्यालय प्रमुख आदर्श आचरण संहिता का पालन सुनिश्चित करें – जिला निर्वाचन अधिकरी

कार्यालय प्रमुख आदर्श आचरण संहिता का पालन सुनिश्चित करें – जिला निर्वाचन अधिकरी

रीवा 17 मार्च 2024. भारत निर्वाचन आयोग के कार्यक्रम अनुसार लोकसभा निर्वाचन 2024 की घोषणा के साथ ही आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो जाने के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती प्रतिभा पाल द्वारा सभी कार्यालय प्रमुखों को आदर्श आचरण संहिता के पालन के निर्देश दिये गये हैं।

तदनुक्रम में शासकीय कर्मचारियों को चुनाव में बिल्कुल निष्पक्ष रहना चाहिए। यह आवश्यक है कि वे किसी को यह महसूस न होने दे कि वे निष्पक्ष नहीं है। जनता को उनकी निष्पक्षता का विश्वास होना चाहिए तथा उन्हें ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे ऐसी आंशका भी हो कि वे किसी दल या उम्मीदवार की मदद कर रहे हैं। शासकीय कर्मचारियों को किसी भी प्रकार के चुनाव अभियान या प्रचार में भाग नहीं लेना चाहिए तथा उन्हें यह देखना चाहिए कि उनकी हैसियत या अधिकारों का लाभ कोई दल या उम्मीदवार न ले सके। निर्वाचन में किसी अभ्यर्थी के लिए कार्य करना मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम के प्रावधानों के विपरीत है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की ओर विशेष रूप से ध्यान आकर्षित करते हुए कहा गया है कि निर्वाचन के दौरान अधिकारी, कर्मचारी न तो किसी अभ्यर्थी के लिए कार्य करेंगे और न मत डालने में कोई असर डालेंगे। इसके अतिरिक्त कोई शासकीय सेवक निर्वाचन अभिकर्ता, मतदान अभिकर्ता या गणना अभिकर्ता के रूप में कार्य नहीं कर सकता है।

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के अधीन निर्वाचन के संचालन के लिए नियोजित समस्त अधिकारी कर्मचारी तथा राज्य सरकार द्वारा पदाभिहित पुलिस अधिकारी निर्वाचन के परिणाम घोषित होने तक निर्वाचन आयोग में प्रतिनियुक्ति पर समझे जायेंगे और उस समय तक निर्वाचन आयोग के नियंत्रण, अधीक्षण और अनुशासन के अधीन रहेंगे। निर्वाचन में सशक्त पदीय कर्तव्य को सुनियोजित तरीके से जिम्मेदारी पूर्वक करना विधि द्वारा उपेक्षित कर्तव्य है, जिसकी अवहेलना शासकीय सेवक को दण्ड का पात्र बनाती है।

चुनाव की घोषणा की तारीख से निर्वाचन समाप्त होने की अवधि में मंत्रियों के यात्रा के दौरों के सिलसिले में शासन द्वारा आदेश प्रसारित किए गए है। जिसके अनुसार निर्वाचन की घोषणा दिनांक से लेकर निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण होने तक की अवधि में केन्द्र या राज्य शासन के कोई मंत्री किसी ऐसे निर्वाचन क्षेत्र में शासकीय दौरा नही करेंगे, जिसमें निर्वाचन की घोषणा हो चुकी है (केवल प्राकृतिक आपदा स्थितियों को छोड़कर) साथ ही यदि मंत्री संस्था या पार्टी की ओर से आम सभा आयोजित करते है तो सभा की व्यवस्था नही की जाए, केवल कानून एवं व्यवस्था बनाए रखना सुनिश्चित किया जायेगा। यदि कोई मंत्री चुनाव के काम के लिए कहीं जाते हैं तो शासकीय कर्मचारी तथा अधिकारी उनके साथ नहीं जायेंगे। उन अधिकारियों को छोड़कर, जिन्हें ऐसे सभा या आयोजन में कानून एवं व्यवस्था के लिए सुरक्षा के लिए या कार्यवाही नोट करने के लिए तैनात किया गया हो। दूसरे अधिकारियों को ऐसी सभा या आयोजन में शामिल नही होना चाहिए। जब किसी मंत्री को निजी मकान पर खाने-पीने के लिए आमंत्रित किया जाता है तो कोई शासकीय अधिकारी या कर्मचारी उसमें शामिल न हो। आयोग द्वारा जारी की गई आदर्श आचरण संहिता का सभी शासकीय अधिकारी/कर्मचारी पालन सुनिश्चित करने के निर्देश जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा दिये गये हैं।

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