इंदिरा सागर के टापू पर 12 चीतल की सफल शिफ्टिंग

110616n4

धारी-कोटला में विकसित हो रहा है नया जंगल

वन विभाग ने खण्डवा जिले के धारी-कोटला टापू पर वन विहार भोपाल से 12 चीतल की सफल शिफ्टिंग की है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य-प्राणी श्री रवि श्रीवास्तव के नेतृत्व में शुक्रवार की सुबह सवा पाँच बजे 7 और आज सुबह 5 चीतल को टापू पर बोमा तकनीक के माध्यम से स्थानान्तरित किया गया। चीतलों में 4 मादा, 4 नर और एक बच्चा शामिल है। यह टापू इंदिरा सागर बाँध के कारण विकसित टापुओं में से एक है।

टापू बनेगा बाघ का घर

श्री रवि श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में कई राष्ट्रीय उद्यान और टाईगर रिजर्व हैं परन्तु पश्चिमी हिस्सा मध्यप्रदेश के इस गौरव से वंचित है। टापू पर बाघ को छोड़ दूसरे कई तरह के वन्य-प्राणी और वनस्पतियाँ प्राकृतिक रूप से विद्यमान हैं। इसके अलावा वन विभाग टापू को बाघ के रहवास के रूप में विकसित करने के लिए पिछले कुछ समय से गंभीरता से तैयारी कर रहा है। टापू को बाघ के प्रे-बेस के रूप में तैयार किया जा रहा है। जहाँ रिहायशी इलाकों से पकड़े गए बाघों के साथ ही घनत्व अधिक हो जाने से आपस में क्षेत्र वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे बाघों को शिफ्ट किया जाएगा।

चीतलों के लिए विकसित हुआ घास मैदान

लम्बे समय से टापू पर चीतलों के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ निर्मित करने पर काम चल रहा था। विशेषज्ञों की निगरानी में पिछले 3 माह के दौरान चीतल के लिए घास मैदान विकसित किए गए हैं। बरसात में और मैदान विकसित किए जायेंगे।

विपरीत परिस्थिति के बावजूद सफल रही शिफ्टिंग

चीतलों की शिफ्टिंग इतनी गर्मी में करना काफी चुनौतीपूर्ण काम था। परंतु चारो ओर पानी होने से वन विभाग के पास मार्च-अप्रैल तक इंतजार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। पानी कम होने पर शिफ्टिंग को अंजाम दिया गया। करीब 225 किलोमीटर की यात्रा करने के बाद भी सारे चीतल स्वस्थ हैं और नए वातावरण में एडजस्ट होने की कोशिश कर रहे हैं। टापू पर जितनी जल्दी इनकी आबादी बढ़ेगी, उतनी जल्दी ही प्रदेश को बाघ का एक नया जंगल मिलेगा।

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *