बसामन मामा गौवंश वन्य विहार निराश्रित गायों के आश्रय स्थल के साथ बना आय का स्त्रोत

रीवा 20 जनवरी 2022. बसामन मामा गौवंश वन्य विहार की स्थापना 13 हेक्टेयर क्षेत्र में निराश्रित गायों के आश्रय स्थल के रूप में किया गया है। गौवंश वन्य विहार संचालन समिति के प्रबंधक अरूण कुमार गौतम ने बताया कि प्रारंभ में 500 निराश्रित गायों से प्रारंभ वन्य विहार में वर्तमान में 4200 गायों को आश्रय दिया गया है। वन्य विहार बनने से आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में ऐरा पशुओं की कठिनाई बंद हो गयी है। नहीं तो पहले तो गाय खेत में घुसकर पूरी फसल नष्ट कर दिया करती थी। अब पशुओं के कारण यातायात भी प्रभावित नहीं होता। सड़कों में अब पशु बैठे हुये नहीं मिलेंगे। वन्य विहार में निराश्रित गायों के चारा एवं भूसा का प्रबंध पशुपालन विभाग द्वारा किया जाता है। गायों के आहार के लिये पशु पालन विभाग द्वारा हर माह 15 लाख रूपये का आवंटन दिया जाता है। गौवंश वन्य विहार में रह रही गायों से भारी मात्रा में वर्मी कम्पोस्ट, गोनायल, हैण्डवाश एवं टायलेट क्लीनर तैयार कर करहिया सब्जी मंडी के पास स्थित एसपीओ के माध्यम से विक्रय किया जाता है इससे वन्य विहार को 4 लाख रूपये वार्षिक आय हो जाती है। वन्य विहार में तैयार उत्पाद पूरी तरह से शुद्ध एवं लाभकारी है। इसी लिए इसका विक्रय हाथों-हाथ बिक जाता है।
संचालन समिति के प्रबंधक अरूण गौतम ने बताया कि आगे चलकर वन्य विहार में रह रही गायों से गौ-मूत्र बनाने की योजना है। गौ-मूत्र से कई रोगों में तत्काल फायदा होता है। उन्होंने कहा कि वन्य विहार से उत्पादित सामग्री के विक्रय के लिये कई संस्थाओं से संपर्क कर इसके लिए विस्तृत बाजार की व्यवस्था की जा रही है। गौवंश वन्य विहार निराश्रित गायों के लिये सशक्त आश्रय स्थल बनकर उभर रहा है।

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