फसल विविधीकरण अपनाकर मितेश बने लखपती

मितेश देव बने उन्नत पशुपालक, पशुपालन में मिला प्रथम पुरस्कार

रीवा 09 जनवरी 2023. मितेश देव उन्नत कृषक है उन्होंने अपनी 10 हेक्टेयर जमीन में आधुनिक कृषि तकनीक आधारित फसल विविधीकरण को अपनाया। रीठी ग्राम के मितेश देव बताते हैं कि 10 हेक्टेयर खेती की जमीन होने के बाद भी पारंपरिक रूप से धान एवं गेंहू की फसल का उत्पादन लेता था। खेती से बहुत अधिक लाभ न होने पर आत्मा परियोजना के कृषि वैज्ञानिकों से मुलाकात की उन्होंने पारंपरिक खेती छोड़कर आधुनिक खेती तथा फसल विविधीकरण अपनाने की सलाह दी। फसल विविधीकरण अपनाने पर मेरी आय लाखों रूपये होने लगी।
मितेश देव ने बताया कि वे अपने खेत में गेंहू के साथ अरहर, सरसों, चना की फसल लेने लगा। अपने खेत में रासायनिक उर्वरक की जगह जैविक खाद का उपयोग करने लगा। अपने खेत में सोलर झटका मशीन के तार की फेसिंग लगवाई। तीन एकड़ में अमरूद का बगीचा लगवाया। खेत में वर्मीपिट बनाकर उसी से बनी जैविक खाद का उपयोग किया। 2.50 एकड़ में प्याज की खेती तथा मेड़ों में अरहर की बोनी करने लगा। मितेश ने 2.5 एकड़ में डेयरी प्रारंभ की। साहीवाल एवं गिर किस्म की 20 गाय रखी इनसे 95 लीटर दूध प्रतिदिन होता है। दूध हाथों -हाथ 50 रूपये लीटर गांव में ही बिक जाता है। आत्मा परियोजना द्वारा संचालित कृषक संगोष्ठी में एवं कृषक भ्रमण दल के साथ भ्रमण में शामिल हुआ। खेती, उद्यानिकी एवं डेयरी से मुझे 1.12 लाख रूपये प्रति माह आय होने लगी। इस वर्ष विकासखण्ड स्तरीय पशुपालन प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ जिसमें 10 हजार रूपये सहयोग राशि भी प्राप्त हुई।

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