स्व-सहायता समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना सर्वोच्च प्राथमिकता

बैंक वार्षिक साख योजना में एस.एच.जी. कंपोनैन्ट पृथक से दर्शाएं
स्व-सहायता समूहों को कम ब्याज पर ऋण दिलाने की योजना शीघ्र  मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 175वीं बैठक की अध्यक्षता की
बैंकों की वार्षिक साख योजना मध्यप्रदेश 2020-21 का विमोचन किया

 जून 23, 2020

 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में स्व-सहायता समूह बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं। इन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। बैंक ऋण का लक्ष्य निर्धारित करें। बैंकों की वार्षिक साख योजना में एस.एच.जी. कंपोनैंट को पृथक से दर्शाया जाए। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में महिला स्व-सहायता समूहों को कम से कम ब्याज दर पर विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के लिए बैंक ऋण दिलवाने के लिए योजना बनाई जा रही है। योजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा ब्याज अनुदान दिए जाने का प्रावधान किया जा रहा है, जिससे महिला स्व-सहायता समूहों को अधिकतम 4 प्रतिशत ब्याज ही देना पड़े। 

वार्षिक साख योजना 2020-21 मुख्य बिन्दु

  • कुल लक्ष्य 1,89,250 करोड़ रूपये।

  • पिछले वर्ष के लक्ष्य से 8.03 प्रतिशत ज्यादा।

  • प्राथमिक क्षेत्र के लिए 1,76,217 करोड़ रूपये का लक्ष्य।

  • कृषि क्षेत्र के लिए 1,34,236 करोड़ रूपये का लक्ष्य।

  • नाबार्ड के पी.एल.पी का 89 प्रतिशत। 

मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में बैंकों की राज्य स्तरीय समिति की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने बैंकों की वार्षिक साख योजना 2020-21 का विमोचन भी किया। बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, ए.सी.एस श्री मनोज श्रीवास्तव, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री के.के. सिंह, ए.सी.एस श्री मनोज गोविल तथा बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एम.डी. एवं सी.ई.ओ. श्री पल्लव महापात्र ने वी.सी. के माध्यम से बैठक को संबोधित किया। 

नए युवा उद्यमियों को लोन दें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैंकर्स से कहा कि वे नए युवा उद्यमियों को 2 करोड़ रूपये तक का ऋण, उनसे बिना कोलेटरल गारंटी लिए, उपलब्ध कराएं। अभी यह देखने में आ रहा है कि जो पहले से व्यवसाय कर रहे हैं उन्हीं को अधिकतर बैंक ऋण दे रही हैं। योजना में राज्य सरकार गारंटी दे रही है। इसलिए आवेदक से कोई भी गारंटी संबंधी दस्तावेज न लिए जाएं। 

मुख्यमंत्री व वरिष्ठ बैंक अधिकारियों ने एस.एच.जी. से सीधे बातचीत की

वी.सी. में मुख्यमंत्री श्री चौहान एवं बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों ने महिला स्व-सहायता समूहों की सदस्यों से सीधे बातचीत कर उनकी समस्याएं जानीं। मुख्यमंत्री ने उनकी समस्याओं के त्वरित निराकरण के निर्देश बैंक अधिकारियों को दिए।

बैंक मैनेजर से स्पष्टीकरण मागें

सुश्री ज्योति मीणा सीहोर ने बताया कि स्वीकृत होने के बाद भी उनके समूह को 3 वर्ष हो गए पर बैंक से ऋण नहीं मिला है। प्रकरण बैंक ऑफ इंडिया अहमदपुर का है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इसे गंभीरता से लेते हुए बैंक मैनेजर से स्पष्टीकरण लेने तथा समूह को तुरंत ऋण वितरित किए जाने के निर्देश दिए।

बैंक सखी के लिए स्टाम्प शुल्क क्यों लिया गया ? जाँच करें

ग्राम सिरपुरा गुना के एकता स्व-सहायता समूह की सदस्य सरिता सेन ने बताया कि बैंक सखी के लिए उनसे बैंक एक हजार का स्टाम्प एवं 500 रूपये के स्टाम्प पर नोटरी मांगते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा कोई नियम नहीं है। मामले की जाँच की जाए व दोषी के विरूद्ध कार्रवाई करें। प्रकरण पंजाब नेशनल बैंक ग्राम सिरपुरा का है। 

बैंक सखियों की संख्या बढ़ाएं

शिवपुरी पिछौर की रेखा लोधी ने बताया कि उन्होंने लॉकडाउन के दौरान बैंक सखी का काम किया तथा बैंकों से 32.5 लाख लेन-देन की सेवाएं प्रदान की। ए.सी.एस. श्री मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि वर्तमान में म.प्र. में 750 बैंक सखी हैं। इनकी संख्या बढ़ाकर कम से कम 5000 होना चाहिए। 

ब्याज दर एक हो, न्यूतनम हो

बताया गया कि वर्तमान में स्व-सहायता समूह को ऋण दिया जाता है उसकी अलग-अलग बैंकों की अलग-अलग ब्याज दरें हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि ब्याज दर में एकरूपता हो। साथ ही इनके लिए ब्याज दर  कम से कम हो।  

ऑनलाइन होने से मिला तुरंत ऋण

अनूपपुर की सुश्री हेमलता ने बताया कि गत वर्ष उनके समूह को बैंक से ऋण राशि काफी विलंब से प्राप्त हुई थी। इस बार ऑनलाइन व्यवस्था होने से उन्हें तुरंत ऋण प्राप्त हो गया।

इस बार एस.एच.जी. को केवल 300 करोड़ का ऋण

ए.सी.एस. श्री मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि मध्यप्रदेश में इस वर्ष स्व-सहायता समूहों को बैंकों द्वारा केवल 300 करोड़ का ऋण उपलब्ध कराया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह बहुत कम है। महिलाओं के स्व-सहायता समूह को अधिक से अधिक ऋण विभिन्न गतिविधियों के लिए दिलाया जाए। 

महिला स्व-सहायता समूह सबसे अच्छे 

सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एम.डी. एवं सी.ई.ओ. श्री पल्लव महापात्र ने प्रदेश में स्व-सहायता समूहों की गतिविधि बढ़ाने के प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि महिला स्व-सहायता समूह सबसे अच्छे ऋण ग्रहीता होते हैं। वे समय से ऋण का भुगतान करते हैं। इन्हें अधिक से अधिक ऋण उपलब्ध कराने से पूरी अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होती है। उन्होंने कहा कि उन्हें दिए जाने वाले ऋण पर ब्याज 4 से 5 पतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। 

लॉकडाउन के दौरान बैंकर्स के कार्य की सराहना की 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 से निपटने के लिये जारी किये गये पैकेज का नकद लाभ हितग्राहियों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से भेजा गया है। सभी बैंकों द्वारा मिलकर बी.सी. एजेंट्स के माध्यम से प्रदेश की जनता को घर पहुँच सेवा उपलब्ध कराई गई है। बी.सी. एजेंट्स द्वारा गत ढाई माह में कुल 224 लाख ट्रांजेक्शंस करते हुए 5254 करोड़ रूपये की राशि का वितरण किया गया है। सभी बैंकों तथा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ऐसे कठिन समय में भी नकद राशि की उपलब्धता सुनिश्चित की गई जिससे किसानों से खरीदे गये 129 लाख मी.टन. गेहूँ तथा अन्य जिंसों जैसे चना, सरसों आदि के भुगतान के लिये भी नकदी की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकी। इसके लिए मैं सभी बैंकर्स को बहुत-बहुत बधाई धन्यवाद देता हूँ।

पात्र खाताधारकों को तत्काल ऋण स्वीकृत करें

आत्मनिर्भर पैकेज में मुख्यत: एम.एस.एम.ई. क्षेत्र के लिये 29 फरवरी 2020 को कुल शेष ऋण का 20 प्रतिशत ऑटोमेटिक कार्यशील पूंजी ऋण स्वीकृत किया जाना है। बैंकों द्वारा कुल बकाया खाते 9.96 लाख में से मात्र 2.96 लाख खातों को ही पात्र पाया गया है। अभी तक बैंकों द्वारा 2.96 लाख पात्र खातों में से 58 हजार 097 खातों में ऑटोमेटिक कार्यशील पूंजी ऋण स्वीकृत किया गया है, परन्तु मात्र 28 हजार 744 खातों में ही ऋण वितरण हो सका है। सभी बैंकों से अपेक्षा है कि सभी पात्र खाताधारकों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप तत्काल ऋण स्वीकृत कर निर्गमित करें। 

तनावग्रस्त एम.एस.एम.ई. को पुनर्जीवित करें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैंकर्स से कहा कि आत्मनिर्भर पैकेज के तहत भारत सरकार द्वारा तनावग्रस्त (stressed) एम.एस.एम.ई. के लिये 20 हजार करोड़ रूपये के सहायक ऋण (Subordinate Debt) की व्यवस्था भी की गई है, जिससे ऐसी इकाईयों को पुर्नजीवित किया जा सके। इससे बैंकों के एन.पी.ए. में कमी आ सकेगी और रोजगार के नये अवसर भी उपलब्ध हो सकेंगे। प्रदेश में इस योजना अंतर्गत अभी तक प्रगति निरंक है। सभी बैंक अपने-अपने प्रधान कार्यालय से निरंतर संपर्क बनाकर इस योजना को तत्काल लागू करवायें। 

स्ट्रीट वेंडर्स को उपलब्ध कराएं ऋण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा सड़कों पर व्यवसाय करने वाले छोटे-छोटे व्यापारियों के लिये प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना प्रारंभ की गई है। मध्यप्रदेश में कुल 5 लाख स्ट्रीट वेण्डर्स को इस योजना का लाभ दिया जाना है जिसमें प्रति हितग्राही अधिकतम 10 हजार रूपये का ऋण होगा। भारत सरकार द्वारा 7 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान भी उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश में चिन्हित  स्ट्रीट वेण्डर्स को सभी बैंकों द्वारा तत्काल ऋण उपलब्ध कराने का कार्य प्रारंभ किया जाये जिससे ये अपनी आजीविका चलाने में सक्षम हो सकें। बैंकों द्वारा ऐसे छोटे-छोटे ऋण के लिये भी 3-4 प्रकार के दस्तावेज लिये जाते हैं। इसके लिये बैंकों को विचार कर एक समेकित दस्तावेज तैयार किया जाना चाहिये जिससे हितग्राही को आसानी से ऋण मिल सके।

सभी पात्र किसानों को जारी करें के.सी.सी 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना अंतर्गत लाभ लेने वाले हितग्राहियों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने के निर्देश हैं। प्रदेश में लगभग 75 लाख किसान इस योजना अंतर्गत पंजीकृत किये गये हैं। प्रदेश में कुल 62 लाख किसान क्रेडिट कार्ड जारी किये गये हैं। लगभग 13 लाख ऐसे किसान हैं जिन्हें किसान क्रेडिट कार्ड जारी किये जाना है, जिसके विरूद्ध मात्र 2.16 लाख किसानों के आवेदन स्वीकृत किये गये हैं। कृषि विभाग छूटे हुए किसानों को चिन्हित कर उनके आवेदन बैंक शाखाओं में प्रस्तुत करें जिससे सभी किसानों को के.सी.सी. जारी किये जा सकें। लगभग 1.01 लाख आवेदन बैंक शाखाओं में भी लंबित हैं, जिन्हें बैंक शाखाओं द्वारा भी तत्काल निराकृत किया जाना सुनिश्चित किया जाये। दुग्ध उत्पादक किसानों को भी के.सी.सी. जारी किये जाना है। प्रदेश की डेयरी सहकारी समितियों के 2.67 लाख सदस्यों को पशुपालन विभाग उनके आवेदन पत्र नजदीकी बैंक शाखाओं में पहुँचाए। साथ ही सभी बैंक अपनी शाखाओं को प्राप्त आवेदनों का निराकरण 15 दिवस में करने के निर्देश जारी करें जिससे इन किसानों को भी ऋण उपलब्ध हो सके।

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