नेत्रहीन विद्यालय में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय लुई ब्रेल दिवस

रीवा 04 जनवरी 2020. कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव के मुख्य आतिथ्य में यमुना प्रसाद शास्त्री नेत्रहीन विद्यालय रीवा में अंतर्राष्ट्रीय लुई ब्रेल दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि आज का दिन हमारे लिए बड़े गर्व और सौभाग्य का दिन है। आज के ही दिन फ्रांस के एक छोटे से गांव में लुई ब्रेल का जन्म हुआ। मात्र 5 वर्ष की उम्र में वे अपनी दृष्टि खो चुके थे। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और दृष्टिहीनों के लिए ब्रेल लिपि की खोज की।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि आज सारी दुनिया लुई ब्रेल द्वारा खोजी गई ब्रेल लिपि की ऋणी है। उन्होंने 1834 में इस लिपि का आविष्कार किया था। लुई ब्रेल ने नेत्रहीनों के लिए इस लिपि के माध्यम से नई रोशनी दी है। कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि संसार में नेत्रहीन व्यक्ति अपने अन्तस में छुपी प्रतिभा को पहचानें। समाज की मुख्य धारा में आप सबकी भागीदारी बने। अपने व्यक्तित्व का विकास कर भविष्य को सुनहरा बनाने का प्रयास करें।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि नेत्रहीन दिव्यांगजनों को भी सामान्य व्यक्तियों की तरह जीने का अधिकार है। हम सबको समाज में सकारात्मक माहौल बनाकर व्यापक स्तर पर दिव्यांगजनों के प्रति चेतना जागृत करने और सम्मान के साथ उनके मानवाधिकारों की रक्षा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों में प्रतिभा, क्षमता और कौशल की कोई कमी नहीं है। आवश्यकता है उनके अंतस में छुपी प्रतिभा को निखारने एवं मंच प्रदान करने की। आज का दिन हमारे दिव्यांग बंधुओं के सशक्तीकरण, सहभागिमा बढ़ाने, व्यापक चेतना जागृत करने का संकल्प दिवस है। उन्होंने कहा कि समाज जिस तेजी से आगे बढ़ रहा है, उसी तेजी से दिव्यांग बंधु भी कदम से कदम मिलाकर चल सकें इसकी आवश्यकता है।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि नेत्रहीन व्यक्तियों के चेहरे पर मुस्कान लाने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि अपनी खुशियों के साथ-साथ दूसरों को भी खुशियां देने की कोशिश करें। यह संसार गूंज की तरह है। हम जैसा दूसरों को देते हैं, वैसा ही हमें उनसे मिलता है। यदि हम प्यार बांटेगे तो प्यार मिलेगा, नफरत बांटेंगे तो नफरत मिलेगी, दुख देंगे तो दुख और आनंद देंगे तो आनंद मिलेगा। उन्होंने कहा कि इंसान को इंसान के काम आना चाहिए। अपनी इंसानियत का परिचय देते हुए दूसरों की मदद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इंसान की संकल्प शक्ति सबसे बड़ी शक्ति होती है।
इस अवसर पर संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय अनिल दुबे, उप संचालक सतीश निगम, प्राचार्य नेत्रहीन विद्यालय रमेश त्रिपाठी सहित अन्य अधिकारी और विद्यालय के छात्र-छात्राएं व शिक्षकगण उपस्थित थे।

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