कमिश्नर ने प्रासंगिक संस्था द्वारा प्रस्तुत नाटक की सराहना की
रीवा 13 दिसंबर 2019. प्रासंगिक संस्था द्वारा प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सभागार में “उसके साथ’’ एक लड़की का सच नाटक की प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने प्रासंगिक संस्था द्वारा प्रस्तुत इस नाटक की सराहना की। उन्होंने प्रासंगिक संस्था की ओर से जीवंतता, जिंदादिली के साथ कलात्मक तरीके से शानदार और बेहद प्रभावी प्रस्तुति के लिए तहे दिल से धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि आलोक शुक्ला जी समसामयिक मुद्दों को लेकर लिखते हैं जो बेहद सराहनीय कार्य है। समाज का यथार्थ उनके लेखन में झलकता है। बेटियों के विषय को ध्यान में रखते हुए उन्होंने इस नाटक का लेखन किया जो समाज की हकीकत को दर्शाता है।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि बेटियां हमारे मन की शक्ति और साधना होनी चाहिए। वे बचपन की महकती मुस्कान होती हैं। घर में बेटियां ना हो तो घर सूना लगता है। बेटियों के बिना कुछ भी अच्छा नहीं लगता। उन्होंने कहा कि हमारे पास जमाने भर की दौलत मौजूद हो लेकिन बेटी ना हो तो घर अच्छा नहीं लगता। आज के बदले हुए परिवेश में इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया ने मनुष्य को सोचने विचारने की स्थिति से बहुत दूर कर दिया है। वह दौर चला गया जब दादा-दादी संस्कार देते थे। आज की स्थिति बदल गई है और एकल परिवार होने की वजह से संस्कार नहीं मिल पा रहे हैं। हर बच्चे के हाथ में मोबाइल है और मोबाइल ही उसकी दुनिया है। हम समाज में चेतना और जागृति लाने से ही बदलाव ला सकते हैं। आवश्यकता इस बात की है कि बेटियों के प्रति घर परिवार में श्रद्धा हो। उन्होंने एक कहानी के माध्यम से स्पष्ट करते हुए कहा कि उम्मीद से ही प्रेम, मोहब्बत और विश्वास का दीपक जलाया जा सकता है। हमें कभी भी अपनी उम्मीद नहीं खोनी चाहिए। बेटियों के प्रति सकारात्मक बदलाव लाने के लिए हमेशा कोशिश करनी चाहिए बेटियों के बिना पुरूष प्रधान समाज का अस्तित्व नहीं रहेगा। नाटक जो संदेश दे सकता है वह संदेश आज की दुनिया में बच्चों को मोबाइल नहीं दे सकता। नाटक जीवन के यथार्थ हैं और इसे पुन: जीवित करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में संयुक्त आयुक्त पी.सी. शर्मा, ब्रह्माकुमारी आश्रम की बहन निर्मला, उप संचालक सतीश निगम सहित अन्य अधिकारी और दर्शकगण उपस्थित थे।