अब्दुल कलाम जी के ग्रन्थ का हिन्दी रूपांतरण “आरोहण” अदभुत ग्रंथ

150316n13.jpg abdulkalam

मुख्यमंत्री द्वारा स्व.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की पुस्तक के हिन्दी रूपांतरण का लोकार्पण

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ”आरोहण” अदभुत ग्रंथ है। महान वैज्ञानिक के आध्यात्मिक अनुभवों का अध्ययन सभी को करना चाहिये। महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में भी पुस्तक ‘आरोहण” उपलब्ध होनी चाहिये। श्री चौहान आज यहाँ रवीन्द्र भवन में पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की पुस्तक के हिन्दी अनुवाद ‘आरोहण” के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भौतिक सुखों के प्रति अंधी दौड़ मात्र मृग मरीचिका है। तृष्णा का कभी अंत नहीं होता। उन्होंने कहा कि संसार की सभी विचाराधाराओं की उत्पत्ति हम कौन हैं की खोज में हुई है। विभिन्न प्रसंगों और उद्दरणों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सुखी मानव जीवन के लिये भौतिक सुख सुविधाओं के साथ ही मन, बुद्धि और आत्मा का सुख भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ईश्वर सब में उसी तरह से विद्यमान है जैसे मेहंदी के पत्तों में लाल रंग। ईश्वर से साक्षात्कार के लिये मैं और मेरा के गुरुत्वाकर्षण से मुक्त होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि एक ही चेतना सबको संचालित कर रही है। उसके नाम अलग-अलग हो सकते हैं किन्तु वह सभी प्राणियों, पशु-पक्षी, पेड़-पौधों और नदी पहाड़ों में व्याप्त है। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय कलाम ने देश को दिशा देने का कार्य किया। राज्य सरकार उनके बताये पथ पर चल रही है।

विधानसभा उपाध्यक्ष श्री राजेन्द्र सिंह ने कहा कि आध्यात्म जीवन का मूल है। यदि जीवन में मूल्य नही है तो समस्त सांसारिक उपलब्धियाँ निरर्थक हैं। उन्होंने कहा कि ‘आरोहण” के अध्ययन से पता चलता है कि आध्यात्म और विज्ञान साथ-साथ चल सकते हैं।

उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि सांसारिक विकास के साथ ही आध्यात्मिक विकास भी जरूरी है। राज्य सरकार इस दिशा में निरंतर प्रयास कर रही है। सिंहस्थ के वैचारिक कुंभ के माध्यम से इस संदेश को जन-जन तक पहुँचाने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रारंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सदगुरु संत ने अतिथियों को रक्षा-सूत्र बांधकर, शॉल पहना कर और स्मृति-चिन्ह भेंट कर आशीर्वाद प्रदान किया। इस अवसर पर ‘आरोहण” का संक्षिप्त वीडियो परिचय भी प्रदर्शित किया गया।

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *