पीड़ित मानवता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं – कमिश्नर डॉ. भार्गव

मेडिकल कॉलेज में आयोजित हुआ रक्तदान शिविर

रीवा 22 सितम्बर 2019. शासकीय श्यामशाह स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय रीवा में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने कहा कि पीड़ित मानवता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है एवं मानव सेवा से बड़ी कोई पूजा नहीं है। इसलिए पीड़ित मानवता की सेवा के लिए अधिकाधिक संख्या में लोगों को आगे आकर रक्तदान करना चाहिए।
कमिश्नर रीवा संभाग डॉक्टर भार्गव ने कहा कि हमारी सांस्कृतिक चेतना सबके निरोगी होने की कामना करती है। वसुधैव कुटुंबकम की संस्कृति भारत के अलावा दुनिया के और किसी देश में देखने को नहीं मिलती है। हमारी सनातन परंपराएं सदैव जन कल्याण के लिए रही हैं। परमपिता परमेश्वर ने हमें एक सुगंधित पुष्प की तरह अपनी खुशबू सभी ओर फैलाने का अवसर दिया है। इसलिए हम सब का फर्ज है कि दूसरों की सेवा में अपना जीवन समर्पित करें। उन्होंने कहा कि नैतिक मूल्यों के संक्रमण के इस दौर में कुछ समाजसेवी संस्थाएं अपना योगदान कर रही हैं जो सराहनीय कार्य है। उन्होंने ऐसी संस्थाओं को समर्पण भाव से कार्य करने के लिए धन्यवाद भी दिया।
कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. भार्गव ने कहा कि रक्तदान बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य है। हमारे देश में प्रतिवर्ष एक करोड़ यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है जिसका हमें 60 से 70 प्रतिशत रक्त ही मिल पाता है। रक्त नहीं मिलने से कई लोग असमय ही इस दुनिया से विदा ले लेते हैं। ऐसे लोगों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन की आपाधापी में अपने धर्म का निर्वहन करना नहीं भूलें। कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि हमारे शरीर पर माता-पिता एवं परिवार वालों का भी हक होता है। इसलिए हमें चाहिए कि हम सभी यातायात के नियमों का पालन करें और वाहन अच्छी तरह चलाएं जिससे दुर्घटना होने की आशंका न रहे।
कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. भार्गव ने कहा कि हम सभी को अपना जीवन सार्थक बनाना चाहिए। सिर्फ धन कमाने के लिए नहीं बल्कि परोपकार के लिए अपना जीवन समर्पित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे देश में हर चौथी महिला खून की कमी से ग्रसित है। महिलाओं में खून की कमी दूर करने के लिए हमें उन्हें जागरूक करके खानपान और पोषण के प्रति ध्यान देने के लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोग अब चांद तक पहुंच गए हैं लेकिन फिर भी लोगों में स्तनपान के प्रति वह जागरूकता नहीं है जो होनी चाहिए। जन्म लेने के एक घंटे के भीतर स्तनपान कराकर हम अपने बच्चों को स्वस्थ एवं खुशहाल बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपनी बेटियों को आजादी के साथ उँची उड़ान भरने और आगे बढ़ने का अवसर देना चाहिए।
कार्यक्रम में डीन मेडिकल कॉलेज डॉ. पीसी द्विवेदी, अधीक्षक एपीएस गहरवार, डॉ. ज्योति सिंह, डॉ. एसपी सिंह, डॉ. अमरीश मिश्रा सहित अन्य चिकित्सकगण उपस्थित थे।

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