शिक्षा महाविद्यालय में कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन विन्ध्य क्षेत्र के कवियों ने श्रोताओं को किया आनंदित

रीवा 10 सितम्बर 2019. शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय में जारी दस दिवसीय गणेशोत्सव कार्यक्रम के अवसर पर गत दिवस कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। कवि सम्मेलन में विन्ध्य क्षेत्र के कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से श्रोताओं को आनंदित किया। सम्मेलन के मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित टीआरएस कालेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. रामसिया शर्मा ने पड़ोसी देश को चेतावनी देते हुए मनई धारण रहा फलाने कविता तथा प्रेमगीत मेरे आपसे संबंध से श्रोताओं को आनंदित किया।
इसी प्रकार एपीएसयू के हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. दिनेश कुशवाहा ने वियोग श्रंगार पर आधारित अनुबन्धों की शर्त लगाकर, लौट गई तुम घर तक आकर कविता का पाठ किया। कवि एवं साहित्यकार दर्शन राही ने आधुनिक कवियों को मार्गदर्शन करते हुए समसामायिक रचनाएं सुनाईं। कवि कालिका प्रसाद त्रिपाठी ने कजही नाउन पैहरा, सूधे परै न पाँव कविता सुनाई। कवि हशमत रीवानी ने कश्मीर मुद्दे पर आधारित इस धरती पर स्वर्ग जहाँ है हर जर्रा नजारा है, देश के दुश्मन से कह दो कि ये कश्मीर हमारा है चिंतन रचना तथा डॉ. कैलाश तिवारी ने हर आदमी तबाह है कैसी हवा बही, कुछ की तो वाह-वाह है कैसी हवा बही कविता सुनाई।
कवि राजकुमार राज ने बघेली कविताओं, सूर्यमणि शुक्ल ने समसामायिक बघेली रचनाएं, भृगुनाथ पाण्डेय भ्रमर ने वीर रस पर आधारित कविताएं, विद्यावारिधि तिवारी ने श्रृंगारिक रचनाएं पेश की। कवियित्री डॉ. सरिता सिंह सलिल ने नारी गरिमा की पक्षधर रचनाओं से समाज को संदेश दिया। कवि सम्मेलन में रामनरेश तिवारी निष्ठुर, देवराज सोहगौरा, डॉ. रामसरोज द्विवेदी शांतिदूत, सत्येन्द्र सिंह सेंगर, अमोल बटरोही, देवेन्द्र पाण्डेय बेधड़क ने भी अपनी-अपनी कविताएं व रचनाएं सुनाकर श्रोतोओं को आनंद विभोर कर दिया।
कवि सम्मेलन में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रफुल्ल कुमार शुक्ल, सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी डॉ. सुरेन्द्र कुमार त्रिपाठी, डॉ. पीएन मिश्र, हरिशचन्द्र द्विवेदी, मीडिया प्रभारी कमल वर्मा, सुभाष वर्मा सहित आचार्यगण एवं प्रशिक्षणार्थी उपस्थित थे।

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