सिंचाई के लिए बांधों के भराव के साथ बाढ़ नियंत्रण पर भी ध्यान दें – कमिश्नर

रीवा 14 जून 2019. रीवा जिले के त्योंथर तहसील के सीमावर्ती गांवों को अधिक वर्षा की स्थिति में बाढ़ से बचाने के लिए अन्तर्राज्यीय समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। बैठक में बाढ़ से बचाव के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। बैठक की अध्यक्षता करते हुये रीवा संभाग के कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने कहा कि हमारा देश विविधताओं से भरा है। यहां एक क्षेत्र में बाढ़ तो दूसरे क्षेत्र में सूखे का प्रकोप हो सकता है। हमें हर स्थिति से निपटने की तैयारी करनी चाहिए। उत्तरप्रदेश के किसान भाईयों को खेतों में सिंचाई के लिए बांधों में पर्याप्त पानी के भंडारण के साथ त्योंथर क्षेत्र की आम जनता को बाढ़ की विभीषिका से भी बचाना है। हमें ऐसे उपाय करने है कि आँधियां भी चले और दीपक भी जलता रहे।
कमिश्नर ने कहा कि वर्तमान में तकनीक आधुनिक हो गई है। हमारे पास मौसम का एक सप्ताह का सटीक अनुमान उपलब्ध हो जाता है। उत्तरप्रदेश तथा मध्यप्रदेश के जल संसाधन विभाग के अधिकारी आगामी 15 दिनों की संभावित वर्षा तथा बांधों में जल की आवक अनुमान करके उचित जल प्रबंधन करें। अधिक वर्षा का अनुमान होने पर बांधों से पहले ही पानी छोड़ दें जिससे निचले क्षेत्रों में बाढ़ की आशंका न रहे। दोनों प्रदेश के अधिकारी एक दूसरे के साथ प्रति दिन और लगातार संपर्क में रहें वर्षा तथा बाढ़ संबंधी सूचनाओं का समय पर अदान-प्रदान करें। जिससे त्योंथर क्षेत्र को बाढ़ की विभीषका से बचाया जा सके। यदि बाढ़ आती भी है तो उसका सामना करने के लिए उचित प्रबंध रहे। बाढ़ प्रभावित गांवों में शिविर लगाकर लोगों को बाढ़ बचाव के संबंध में जागरूक करें। राहत एवं बचाव कार्य के लिए अभी से स्थान निर्धारित कर उनमें खाद्यान्न, दवाओं तथा राहत सामग्री का भण्डारण करायें। दोनों प्रदेशों के अधिकारी मिलकर समन्वय से कार्य करेंगे तो हम हर स्थिति का सफलता से मुकाबला कर लेंगे।
बैठक में उपायुक्त मिर्जापुर ने कहा कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए बांधों का अधिकतम जल स्तर तक भरना आवश्यक है लेकिन इसके साथ-साथ आम जनता को बाढ़ से भी बचाना है। बांध भरने के लालच में आम जनता के जीवन को खतरे में नहीं डाला जा सकता है। मिलकर प्रयास करेंगे तो सिंचाई के लिए पानी भी मिलेगा और बाढ़ भी नहीं आयेगी। बैठक में कलेक्टर रीवा श्री ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि वर्षा की स्थिति पर सतत नजर रखकर तथा आपसी समन्वय से कार्य करेंगे तो कोई कठिनाई नहीं होगी। दोनों प्रदेशों के अधिकारियों का व्हाट्सअप ग्रुप बना दिया गया है। इसमें नवीन सूचनाएं दर्ज करते रहें। पुलिस अधीक्षक मिर्जापुर ने बाढ़ से बचाव एवं राहत के लिए किये गये उपायों की जानकारी दी।
बैठक में मुख्य अभियंता गंगा कछार परियोजना शिरीष मिश्रा ने बताया कि त्योंथर क्षेत्र के 60 गांव बेलन नदी से तथा 105 गांव टमस नदी की बाढ़ से प्रभावित होते हैं। अधिक तथा लगातार वर्षा होने पर एवं सिरसी, अदवा तथा मेजा बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने पर बाढ़ की विभीषका बढ़ जाती है। बांधों से पानी छोड़ने के लिए वर्षा के अनुमान के आधार पर कार्ययोजना बनाई गई है। इसके अनुसार यदि बांधों से पानी छोड़ा जायेगा तो बाढ़ का खतरा नहीं होगा। दोनों प्रदेशों के अधिकारी निरंतर संपर्क में रहेंगे। मिर्जापुर में कन्ट्रोल रूम बनाकर कर्मचारी तैनात कर दिये गये हैं। अधीक्षण यंत्री प्रयागराज ने बैठक में कहा कि तीनों सीमावर्ती बांधों को अधिकतम जल स्तर तक भरा जाना आवश्यक है। यदि पर्याप्त पानी संचित नहीं हुआ तो प्रदेश के 45 जिलों में सूखे का खतरा उत्पन्न हो जायेगा। बांधों में जल भराव के साथ-साथ निचले क्षेत्र में पानी छोड़ने पर बाढ़ की स्थिति न हो इस पर भी पूरा ध्यान दिया जायेगा।
बैठक में सूचनाओं के नियमित आदान-प्रदान, बाढ़ की स्थिति में राहत एवं बचाव के उपायों पर चर्चा की गई। बैठक में उपायुक्त प्रयागराज, पुलिस अधीक्षक आबिद खान रीवा, अधीक्षण यंत्री प्रयागराज सिद्धार्थ वासु तथा जल संसाधन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

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