उपार्जन केन्द्रों पर किसानों को कोई असुविधा नहीं हो – कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. भार्गव

कमिश्नर डॉ. भार्गव ने की संभाग में चल रही उपार्जन व्यवस्था की समीक्षा

रीवा 26 अप्रैल 2019. कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने संभाग में चल रही रबी फसलों के उपार्जन व्यवस्था की समीक्षा की। कमिश्नर कार्यालय में आयोजित उपार्जन व्यवस्था से संबंधित विभागों की समीक्षा बैठक में कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि जो खरीदी केन्द्र शुरू नहीं हुये हैं उन्हें जल्द शुरू करा दिया जाय। खरीदी केन्द्रों पर किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं हो। खरीदी केन्द्रों पर आवश्यक सभी व्यवस्थाऐं सुनिश्चित की जायें। सभी खरीदी केन्द्रों पर बैनर, पानी, छाया, बारदाना, तुलाई मशीनों आदि की पर्याप्त व्यवस्था करना सुनिश्चित करें।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि उपार्जन केन्द्रों से परिवहन समय पर कराया जाना सुनिश्चित करें। साथ ही किसानों को समय पर उपज विक्रय का भुगतान सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि उपार्जन केन्द्रों पर सतत निगरानी रखी जाय। उन्होंने फील्ड में जाकर उपार्जन केन्द्रों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एफ. ए. क्यू. मापदण्ड एवं अच्छी गुणवत्ता वाले गेंहू की खरीदी कराना सुनिश्चित करें। तौल पर्ची कहीं भी लंबित नहीं रहे। उन्होंने चना, मसूर और सरसों के उपार्जन केन्द्र भी शुरू कराने के निर्देश दिए। उपार्जन केन्द्रों से ग्रामों की शत-प्रतिशत मैपिंग कराने के निर्देश दिए।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने शत-प्रतिशत परिवहन कराने के निर्देश दिए। उन्होंने फसलों के भण्डारण की भी समीक्षा कर पर्याप्त भंडार गृहों की व्यवस्था के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोई भी समस्या हो तो उसे शीघ्र ही अवगत करायें। उन्होंने कहा कि वर्षा के पानी से खरीदी गई उपज खराब न हो इसके लिए पर्याप्त इंतजाम सुनिश्चित करें। उन्होंने उपार्जन केन्द्रों पर साफ-सफाई की व्यवस्था रखने एवं किसानों को शुद्ध पानी मुहैया कराने के निर्देश दिए। इसके साथ ही प्राथमिक चिकित्सा की भी व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मंडियों में किसानों से तुलाई का अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाय और तुलाई ठीक ढंग कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि मंडियों में किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न नहीं हो। किसान अपनी उपज की वर्षा से सुरक्षा के लिए अपने साथ तिरपाल आदि की व्यवस्था करके लायें। इसके लिए किसानों को एहतियात के तौर पर समझाइश देकर प्रेरित करें। उन्होंने कहा तुलाई मशीनें नाप-तौल विभाग द्वारा प्रमाणित होना चाहिए। उन्होंने नाप-तौल विभाग को पुन: सत्यापन करने के निर्देश दिए ताकि तौल करने में कोई समस्या उत्पन्न नहीं हो। उन्होंने कहा कि समिति प्रबंधकों को निर्देशित करें कि 20 किलो का बांट रखकर प्रतिदिन मशीन जांच करें। तौल के वक्त बोरा मशीन पर जोर से नहीं पटका जाय क्योंकि इससे मशीन के उपकरण खराब हो सकते हैं। प्रत्येक तौल के बाद मशीन का अंक शून्य पर लायें। मशीन समतल एवं कठोर सतह पर रखी जाय। बैठक में संयुक्त आयुक्त राकेश शुक्ला, उप संचालक सतीश निगम, खाद्य, सहकारिता सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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