देश के विकास के लिये अधोसंरचना का विकास जरूरी–जनसम्पर्क मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल
इंदौर 17-02-16
इंदौर प्रेस क्लब और दैनिक प्रदेश टुडे के संयुक्त तत्वावधान में आज रेडीशन ब्लु होटल में “राजनीति के सिकुड़ते सरोकार” विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
जनसम्पर्क मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ला ने कार्यशाला को सम्बोधित करते हुये कहा कि आज की अर्थ प्रधान दुनिया में सिकुड़न बहुत ज्यादा हो रही है। विस्तार सकारात्मक होता है और सिकुड़न नकारात्मक। हर क्षेत्र की तरह राजनीति में भी सिकुड़न हो रही है। इसका तात्पर्य यह है कि राजनीति सिर्फ राजनीति के लिये की जाने लगी है, जबकि इसका दायरा पूरे देश, समाज और विश्व की बेहतरी के लिये काम करने का है।
श्री शुक्ल ने कहा कि इसके अलावा एक बात और देखने में आ रही है कि सरकार के अच्छे कामों की भी प्रशंसा करने में राजनीतिक दल गुरेज करते हैं। कोई बात अगर अच्छी हुई है या किसी ने कोई अच्छी बात कही है तो यह नहीं देखा जाना चाहिये कि कहने वाला किस राजनीतिक दल से जुड़ा है। आजकल हो यह रहा है कि किसी राजनीतिक दल का व्यक्ति किसी एक विशेष बात का समर्थन करता रहेगा, भले ही वह गलत हो। इसी तरह किसी दूसरे दल का व्यक्ति किसी ऐसी बात का विरोध करता रहेगा जो सही है। इस तरह सही-गलत का पैमाना सिर्फ राजनीतिक हित होकर रह गया है।
उन्होंने कहा कि इसी के चलते राजनीतिक शब्द की गरिमा भी कम हुई है। कभी राजनीति जानना और करना बहुत सम्मान की बात हुआ करती थी जबकि आज ऐसी बात नहीं है मुझे एक घटना याद आती है कि जब कलकत्ता में एक राजघराने की स्त्री देश की आजादी के लिये एक आन्दोलन में भाग लेते हुए गिरफ्तार हुई। उसने बहुत सारे गहने पहने हुए थे। अंग्रेज पुलिस वालों ने कहा कि आपको गिरफ्तार होने पर गहने उतारने पड़ेंगे। उस भद्र महिला के सामने यह असमंजस था कि वह अपने गहने किसको दें। तभी उसने देखा कि खादी के कपड़े पहने एक व्यक्ति खड़ा था। उस व्यक्ति को वह जानती तक नहीं थी। लेकिन उसने उस व्यक्ति को बुलाकर अपने सारे गहने सौंप दिये और कहा कि मेरे घर दे देना। लोगों ने पूछा कि फिर आपने उस पर इतना भरोसा क्यों कर लिया। महिला ने कहा कि वह खादी पहने था। गांधीजी की खादी जो व्यक्ति धारण किये हैं वह बेईमान हो ही नहीं सकता।
उन्होंने कहा कि उस समय खादी का यह सम्मान था। आज की स्थिति पर मुझे कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है। राजनीति करने वाले हर व्यक्ति को अपनी सोच और विचार का दायरा बढ़ाना चाहिये। राजनीति का उद्देश्य समाज और देश के साथ-साथ मानव मात्र की भलाई होना चाहिये। विस्तार ही जीवन है, विस्तार ही ईश्वर है और विस्तार ही सत्य है। इसके विपरीत संकुचन मृत्यु है, संकुचन नास्तिकता है और संकुचन असत्य है। आइये हम सभी संकीर्णता से निकलकर विस्तार की ओर आगे बढ़े। इसी से समाज, राष्ट्र और विश्व का कल्याण होगा।
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Shree rahendra sukla g plz hum jo mpeb me samvida pr pichle kai salo se kam kr rhe plz hume or humari life bachalo ….aaj jha dushre rajy samvida balo ko regular kr rhi he to yha kyu nhi …….pichhle chunab me jn saklp hume regular krne ka kha gya tha to hume barbad kyu kiya ja rha …plz sir hum samvida balo ko regular kriye plz
आप की बात मंत्रीजी तक पहुँचाने तथा इस विषय में विभाग की निति क्या है जानने का प्रयास किया जा रहा है |