आज भी प्रासांगित है भगवान परशुराम का कृतित्व – मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र
मध्यप्रदेश शासन के जल संसाधन, जनसम्पर्क एवं संसदीय कार्य विभाग मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्र भगवान परशुराम जयंती के अवसर पर स्थानीय पकोडिया महादेव के पास प्राचीन मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। उन्होंने भगवान परशुराम के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया।
इस अवसर पर जनसंपर्क मंत्री ने कहा कि भगवान परशुराम दृढ प्रतिज्ञ, अनुशासित जीवन जीने वाले थे। उन्होने उच्च आदर्श स्थापित किए जिनकी आज प्रासांगिता है। इस दौरान श्री मोहन पाठक ने बताया कि महार्षि जमदगनि एवं माता रेणुका के पुत्र के रूप में वैशाखा शुक्ल तृतीया को उनका जन्म हुआ था। ऐसा माना जाता है कि वह भगवान विष्णु का अवतार हैं। उन्हें भगवान शिव द्वारा फरसा दिया गया था जिसे वह धारण करते थे जिस कारण वह परशुराम कहलाए। महार्षि विश्वामित्र के आश्रम में उन्हें शिक्षा प्राप्त हुई और वह श्रेष्ठ धनुर्धर भी बने। उनका निवास स्थान महेन्द्रगिरी पर्वत पर माना जाता है। भागवत पुराण, विष्णु पुराण, रामायण, रामचरित्र मानस आदि ग्रंथों में उनका उल्लेख है। वह शास्त्र विद्या में महान थे। उन्होंने भीष्म, द्रोण व कर्ण को सस्त्र विद्या प्रदान की थी।
शास्त्रों में ऐसा उल्लेख है कि परशुरामजी द्वारा नारी जागृति अभियान चला कर महिलाओं को आगे आकर शास्त्र एवं शस्त्र की विद्या के लिए प्रेरित किया था। यह विराट नारी जागृति अभियान उन्होंने अत्रि ऋषि की पत्नि अनसुईया, अगस्त की पत्नि लोपामुद्रा व अपने प्रिय शिष्य अकृतवण के सहयोग से चलाया था। उनका यह अभियान आज भी हमें प्रेरणा देता है। मध्य प्रदेश सरकार का महिला सशक्तिकरण अभियान आज भी उनके सिद्वांतों का अनुसरण कर रहा है।