राष्ट्रपति ने प्रदान किए पद्म पुरस्कार
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने मंगलवार को जाने-माने संगीतकार इलैयाराजा, साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए परमेश्वरन परमेश्वरन और 41 अन्य जानी-मानी हस्तियों को 2018 के प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया| राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री और कई अन्य गणमान्य लोगों ने शिरकत की|
राष्ट्रपति ने पद्म पुरस्कार से जिनको सम्मानित किया, उनमें संगीतकार इलैयाराजा, कला एवं संगीत उस्ताद गुलाम मुस्तफा खां और साहित्य एवं शिक्षा क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए पी परमेश्वरन को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया|
अपने चार दशक से अधिक के कॅरियर में इलैयाराजा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनगिनत पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजे गए हैं| दक्षिण तमिलनाडु के एक छोटे से गांव में जन्मे इलैयाराजा की संगीत यात्रा उपलब्धियों से भरी रही है| उन्हें न केवल पांच बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिले, बल्कि इलैयाराजा ने विभिन्न भाषाओं में एक हजार से अधिक फिल्मों के लिए संगीत तैयार किया है|
शास्त्रीय संगीत के रामपुर-सहसवान घराने से ताल्लुक रखने वाले संगीत की दुनिया के सम्मानित शख्सियतों में से एक गुलाम मुस्तफा खान को भी पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया| बदायूं में जन्मे मुस्तफा ख़ान पहले भी पद्म भूषण सहित तमाम पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं|
साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में अपने अपूर्व योगदान के लिए केरल के परमेश्वरन परमेश्वरन को पद्म विभूषण के पुरस्कार से नवाजा गया| केरल केपी परमेश्वरन विचारक और टिप्पणीकार हैं. परमेश्वरन कन्याकुमारी के भारतीय विचार केंद्र के अध्यक्ष हैं|
पद्म भूषण सम्मान में भी कई ऐसे नाम थे जिन्होंने इन पुरस्कारों का गौरव बढ़ाया है| इनमें केरल के धर्मगुरु और आध्यात्मिक प्रेरणा स्रोत रहे डॉ फिलिपोस मॉर क्रिसोस्तम मारतोमा का नाम भी रहा, जो पूरी दुनिया में देश और विशेषकर केरल के लोगों के लिए श्रद्धा के केंद्र रहे हैं| इसके साथ ही पुरातत्व के क्षेत्र में तमिलनाडु के रामचंद्रन नागास्वामी, साहित्य और शिक्षा के वेद प्रकाश नंदा को पद्मभूषण से सम्मानित किया गया| संगीत के क्षेत्र में अरविंद पारिख को भी पद्म भूषण से सम्मानित किया गया|
पद्म पुरस्कारों में इस बार भी कई गुमनाम नायकों को सम्मानित किया गया| इन नायकों में साहित्य और शिक्षा में महाराष्ट्र से अरविंद गुप्ता, मध्य प्रदेश से कला क्षेत्र में भज्जू श्याम, केरल से परंपरागत औषधि क्षेत्र में लक्ष्मी कुट्टी, खेल के क्षेत्र में महाराष्ट्र से आने वाले मुरलीकांत पेटेकर, औषधि के क्षेत्र में काम करने वाली डॉ सुलागट्टी नरसम्मा, पश्चिम बंगाल से आने वाली समाजसेवी सुभाषिनी मिस्त्री, विज्ञान-इंजीनियरिंग के क्षेत्र में काम करने वाले राजगोपालन वासुदेवन, साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए मरणोपरांत उत्तर प्रदेश के अनवर जलालपुरी के नाम शामिल हैं|
इस बार के पद्म पुरस्कारों में कई नाम दूसरे देशों के भी हैं| ऐसा ही एक नाम सऊदी अरब की योग शिक्षक नोउफ मारवाई का है, जिन्हें सम्मानित किया गया|
पद्मश्री से सम्मानित नायकों में टेनिस खिलाड़ी सोमदेव देवबर्मन, औषधि क्षेत्र के अभय बांग-रानी बांग, लोकसंगीत क्षेत्र से मोहन स्वरूप भाटिया, राजस्थान से नारायण दास महाराज, औषधि क्षेत्र में काम करने वाली येसी ढोडेन, साहित्यकार अरूप कुमार दत्ता और प्रो दिगंबर हांसदा, शिक्षा एवं साहित्य के क्षेत्र से पियोंग तेमजिन जमीर और मालती जोशी, कला क्षेत्र से प्राण किशोर कौल, असम से साहित्यकार जॉयश्री गोस्वामी महंत, मूर्तिकला के मर्मज्ञ प्रवकारा महाराणा, साहित्यकार कृष्ण बिहारी मिश्रा, योग को बढ़ावा देने वाले वी नानम्मल, बुनाई क्षेत्र से गोवर्धन पाणिका और समाजसेवक संपत राम टेके (सामाजिक कार्य, महाराष्ट्र) जैसे नाम हैं|
इस वर्ष पद्म पुरस्कारों से सम्मनित कुल 85 नायकों में से मंगलवार को 43 को सम्मानित किया गया. 42 लोगों को 2 अप्रैल को सम्मानित किया जाएगा|
इस बार कुल 35,595 लोगों के नाम की सिफारिश की गई थी, इनमे से 85 लोगों को इस प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान के लिए चुना गया|