ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सुखोई-30 लड़ाकू विमान से पहली बार सफल परीक्षण
देश के रक्षा क्षेत्र के लिए एतिहासिक मौका, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का भारतीय वायुसेना के सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से पहली बार सफल परीक्षण। आसमान में देश की युद्धक क्षमता को मिलेगा बढ़ावा ।
भारत की रक्षा तैयारियों के लिहाज से बुधवार का दिन ऐतिहासिक रहा, भारतीय वायु सेना के सबसे विश्वसनीय लड़ाकू विमान सुखोई से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को फायर करने का परूक्षण सफल रहा है। ब्रह्मोस को सुखोई-30MKI से टेस्ट किया गया। भारत ने पहली बार ऐसा कारनामा किया है जो ऐतिहासिक है। इस परीक्षण के बाद रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत ने यह टेस्ट करके विश्व रिकॉर्ड बना दिया है। उन्होंने इसके लिए ब्रह्मोस और डीआरडीओ की टीम को बधाई भी दी।
दुनियां की सबसे तेज़ गति से चलने बाली मिसाईल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण कई मायनों में खास है। जिस ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाईल का परीक्षण किया गया उसका वजन 2.5 टन था, जबकि असल में ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाईल का वजन 2.9 टन होता है, इसको बंगाल की खाड़ी से दो इंजन वाले सुखोई फाइटर जेट से परीक्षण किया गया। परीक्षण के मद्देनज़र लड़ाकू विमान सुखोई में कुछ बदलाब की जरूरत महसूस की गई थी जिसे हिन्दुस्तान एरोनॉटिकल लिमिटेड ने पूरा किया।
इस परीक्षण के सफल होने के बाद भारत किसी भी ठिकानों को आसानी से निशाना बना सकेगा, अंडरग्राउंड बने परमाणु बंकरों को नष्ट किया जा सकेगा और युद्धपोत भी इसकी जद में होंगे। सूत्रो के अनुसार शुरुआती स्तर पर 42 सुखोई फाइटर जेट्स पर ब्रह्मोस मिसाइल को लगाये जाने की योजना है। इस परीक्षण की तैयारी जून 2016 से चल रही थी जो आज सफल हुई। जानकारों की माने तो इस सफल परीक्षण के बाद भारत की क्षमताओं में खासा ईजाफा होगा।
ब्रह्मोस मिसाईल अपनी श्रेणी में दुनियां की सबसे बेहतरीन मिसाईल मानी जाती है। इस मिसाइल की रेंज 400 किलोमीटर है। ब्रह्मोस सुपरसॉनिक की स्पीड करीब एक किलोमीटर प्रति सेकेंड है, इसे फायर करने में वक्त भी कम लगता है। इसका निशाना कभी चूकता नहीं है। इसे भारत और रूस ने संयुक्त रूप से बनाया है। जमीन और नौवहन पोत से छोड़ी जा सकने बाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाईल पहले ही भारतीय सेना और नौसेना में शामिल की जा चुकी है अब वायु सेना के द्दारा इस सफल परीक्षण के बाद ये मिसाइल सेना के तीनों अंगो का हिस्सा बन जायेगी।