वंदे मातरम…भारत इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस अदालत में जीत गया है

‘वंदे मातरम…भारत इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस अदालत में जीत गया है।’ इस ट्वीट के जरिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दुनिया को बताया कि भारत कैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर बड़ी जीत दर्ज करने सफल रहा। आईसीजे यानि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस में भारत के दलवीर भंडारी दूसरे कार्यकाल के लिए चुन लिए गए। आईसीजे में इस बड़ी जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर दलवीर भंडारी को बधाई देते हुए कहा कि हम सब के लिए गर्व की बात है।इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में विश्वास और समर्थन के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों के प्रति कृतज्ञता जताई. प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, विदेश मंत्रालय और दूतावासों में उनकी पूरी टीम को उनके अथक परिश्रम के लिए बधाई देते हुए कहा कि पूरी टीम की वजह से भारत आईसीजे में पुन: निर्वाचित हुआ है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने भी भंडारी की जीत पर बधाई का ट्वीट किया  ।उन्होंने लिखा कि ‘एक वोट जो बेहिसाब खुशी लेकर आया है, भारत की ओर से जस्टिस दलवीर भंडारी दोबारा आईसीजे के जज चुने गए हैं.’
भारत के लिए ये जीत खास मायने रखती है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय अदालत के पांचवें जज का मुकाबला बेहद दिलचस्प था। मतदान की प्रक्रिया के दौरान हर क्षण नए-नए मोड़ आ रहे थे. 11वें दौर के मुकाबले तक जस्टिस दलबीर भंडारी जनरल एसेंबली में तो आगे थे मगर सुरक्षा परिषद में उनके पास क्रिस्टोफर ग्रीनवुड से कम वोट थे। पहले ग्रीनवुड को सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्यों का समर्थन हासिल था ।
दरअसल, इस पद पर चुनाव के लिए किसी भी उम्मीदवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद दोनों में बहुमत हासिल करना होता है। भंडारी ने दो बैठकों में पहले 11 दौर के मतदान में महासभा में बहुमत हासिल किया, जबकि परिषद ने मतदान के 10वें दौर में ग्रीनवुड का समर्थन कर भंडारी की राह मुश्किल कर दी। दलवीर भंडारी को दूसरा मौका सिर्फ इसलिए मिला क्योंकि ब्रिटेन के उम्मीदवार को महासभा में बहुमत नहीं मिला।
भंडारी को 13 नवंबर को हुए मतदान के आखिरी दौर में 115 वोट मिले. उन्हें 193 सदस्यीय महासभा में दो-तिहाई बहुमत से थोड़े ही कम वोट मिले, जबकि ग्रीनवुड को सुरक्षा परिषद में नौ वोट मिले। लेकिन 12वें दौर में हार सामने देखते हुए ब्रिटेन के उम्मीदवार ग्रीनवुड मैदान से हट गए  ।जस्टिस दलवीर भंडारी को अंतिम दौर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में 193 में से 183 मत मिले, जबकि सुरक्षा परिषद में सभी 15 मत मिले।
ऐसा पहली बार होगा, जब इसमें कोई ब्रिटिश जज नहीं होगा ।बहरहाल भंडारी की जीत भारत के लिहाज से काफी अहम है। इस के अलावा लोकतांत्रिक तरीके से हुई इस जीत ने वीटो की शक्ति रखने वाले पांच स्थाई सदस्यों ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और अमेरिका पर भारत का दबदबा कायम कर दिया है  ।

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *