दिल्ली में सोमवार से लागू होगा ऑड-इवन फॉर्मूला
दिल्ली-एनसीआर बीते कुछ दिनों से प्रदूषण की गिरफ्त में रहा। पूरे दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के मानक बेहद ख़तरनाक स्तर पर बने रहे। मानवाधिकार आयोग ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है, तो एनजीटी ने भी तमाम एजेंसियों की खिंचाई की है। दिल्ली सरकार ने सोमवार से गाड़ियों के ऑड ईवन फॉर्मूले को लागू करने का फ़ैसला लिया है। इस बीच पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार से प्रदूषण के मुद्दे पर राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाने को कहा है। साथ ही उन्होंने कहा है कि राज्य के किसानों को वैज्ञानिक तरीके से फसल जलाने में आने वाले खर्च की भरपाई के लिए 100 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बोनस दिया जाए।
देश की राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में धुंध के कारण सांस लेना मुश्किल हो रहा है। लगातार कई दिनों से धुंध और वायु प्रदूषण ने राजधानी के लोगों का जीना मुहाल कर रखा। सड़कों पर लोग मास्क लगाकर निकल रहे हैं। मामला इतना गंभीर है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में इस मामले की सुनवाई की गई। ट्रिब्यूनल ने दिल्ली सरकार, एमसीडी और पड़ोसी राज्यों को कड़ी फटकार लगाई है। फटकार के बाद दिल्ली सरकार जागी और उसने अगले हफ्ते से ऑड-इवन लागू करने का बड़ा फ़ैसला लिया। दिल्ली में 13-17 नवंबर ऑड-इवन लागू रहेगा। दिल्ली में ऑड-इवन का यह तीसरा चरण होगा। ऑड-इवन फॉर्मूला पिछली बार की तरह ही लागू होगा। योजना के तहत एक दिन वही निजी वाहन चलेंगे, जिनकी पंजीकरण प्लेट की आखिरी संख्या सम होगी तथा दूसरे दिन उन वाहनों के चलने की इजाजत होगी, जिनकी संख्या विषम होगी। दिल्ली सरकार ने कहा है कि 500 डीटीसी बसें और चलाई जाएंगी। इसके अलावा 100 छोटी बसें मेट्रो तक चलाई जाएगी जो छोटे रास्तों पर चलेंगी। जिनकी गाड़ी पर सीएनजी स्टिकर लगे हैं वह मान्य होंगे और नए स्टिकर भी जारी होंगे। शुक्रवार 2 बजे से आईजीएल के 22 स्टेशनों पर स्टिकर मिलेंगे। इस बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि वो मामले पर नज़र रखे हुए है और राज्यों को भी ज़रूरी निर्देश दिए गए हैं। केंद्र सरकार का कहना है कि हालात पर नियंत्रण के लिए सभी ज़रूरी कदम उठाए गए हैं।
केंद्र सरकार ने साफ़ कहा है कि आरोप-प्रत्यारोप से हटकर सबको इस मसले पर एक साथ मिलकर काम करना चाहिए। दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए केंद्र दीर्घकालीन उपायों पर काम कर रही है। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की जानलेवा हालत को लेकर मानवाधिकार आयोग ने केंद्र और दिल्ली सहित हरियाणा और पंजाब सरकारों से उठाए गए कदम के बारे में जवाब मांगा है। मानवाधिकार आयोग, एनजीटी के अलावा दिल्ली हाईकोर्ट भी प्रदूषण पर सख्त हो गया है और पर्यावरण मंत्रालय और प्रदूषण कंट्रोल एजेंसियों को बैठक करने के आदेश दिए, ताकि इस पर कुछ ठोस समाधान निकाला जा सके। दिल्ली सरकार ने बुधवार को अहम बैठक कर कई फ़ैसले लिए। दिल्ली में ट्रकों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है और सिर्फ कुछ ज़रूरत की चीजें लाने वाले ट्रकों को ही दिल्ली में एंट्री की इजाजत दी गई है। दिल्ली में सभी प्रकार के सिविल कंस्ट्रक्शन पर तुरंत रोक लगा दी गई है। दिल्ली सचिवालय के पास प्रदूषण को कम करने के लिए पेड़ों को धोया जा रहा है। इस काम में फायर ब्रिगेड के लोगों को लगाया गया है। दिल्ली में पार्किंग शुल्क 4 गुना कर दिया गया है। दिल्ली सरकार ने दिल्ली के प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्यों को जिम्मेदार ठहराया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है और इसके स्थाई समाधान के लिए दीर्घकालीन रणनीति बनानी होगी।
पूरी दिल्ली में प्रदूषण से बुरा हाल है। बीते तीन दिनों से दिल्ली और एनसीआर इलाके में स्मॉग के कारण काफी मुश्किलें हो रही है। प्रदूषण के जो दो मानक हैं, पीएम 2.5 और पीएम 10 दोनों का ही लेवल 500 के पार जा चुका है। जानकारों का कहना है कि शुक्रवार के बाद बदलते मौसम से ये हालत सुधरेगा और तभी लोगों को राहत मिलेगी।