प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक शासकीय उचित मूल्य दुकान होगी
एक तिहाई दुकानें महिलाओं के लिये आरक्षित
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्यान्न वितरण के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत पर शासकीय उचित मूल्य दुकान रहेगी। कुल दुकानों में एक तिहाई का संचालन महिलाओं द्वारा किया जाएगा। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा इसे सुनिश्चित करने के लिए ऐसी ग्राम पंचायत, जहाँ पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली की राशन दुकान नहीं है, में दुकान शुरू करने के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गये हैं। ग्रामीण क्षेत्र में जिन पंचायतों में दुकान नहीं है, वहाँ खोले जाने वाली नवीन उचित मूल्य दुकानों में एक तिहाई दुकानें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं।
प्रदेश में ऐसी 5000 से अधिक ग्राम पंचायतें हैं, जहाँ पर नवीन दुकानें खोली जा रही हैं। प्रदेश में पूर्व से 22 हजार 396 शासकीय उचित मूल्य दुकान क्रियाशील हैं। इनके माध्यम से एक करोड़ 15 लाख 37 हजार से अधिक परिवारों को सस्ती दर पर राशन मुहैया करवाया जा रहा है।
वर्तमान में प्रदेश की प्रोजेक्टेड आबादी 8 करोड़ 23 लाख (अनुमानित) है। इसमें से 5 करोड़ 36 लाख की आबादी को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के दायरे में लाया जाकर एक रुपये किलो मूल्य पर गेहूँ, चावल, नमक प्रदाय किया जा रहा है। मध्यप्रदेश ऐसा पहला राज्य है, जिसके द्वारा बीपीएल के साथ-साथ अन्य 24 श्रेणियों के परिवारों को अधिनियम के दायरे में शामिल किया गया है।
पात्र परिवारों की श्रेणियाँ
अंत्योदय अन्न योजना और प्राथमिकता परिवार में सभी बीपीएल परिवार, समस्त ऐसे व्यक्ति जो मध्यप्रदेश भवन तथा अन्य सन्निर्माण कर्मकार मण्डल के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिक हैं और उन पर आश्रित परिवार सदस्य, ग्रामीण क्षेत्रों के समस्त ऐसे व्यक्ति, जो मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना में भूमिहीन, खेतिहर मजदूर के रूप में पंजीकृत हैं और उन पर आश्रित परिवार के सदस्य, सायकिल रिक्शा-चालक कल्याण योजना और हाथठेला-चालक कल्याण योजना में पंजीकृत व्यक्ति एवं उन पर आश्रित परिवार के सदस्य, सामाजिक सुरक्षा पेंशन के पंजीकृत हितग्राही और उन पर आश्रित परिवार के सदस्य, अनाथ आश्रम, निराश्रित, विकलांग छात्रावासों में निवासरत बच्चे और नि:शुल्क संचालित वृद्धाश्रमों में निवासरत वृद्धजन, घरेलू कामकाजी महिलाएँ, फेरी वाले, वनाधिकार पट्टेधारी, रेलवे में पंजीकृत कुली, मण्डियों में लायसेंसी हम्माल और तुलावटी, बंद पड़ी मिलों में पूर्व नियोजित श्रमिक, बीड़ी श्रमिक कल्याण अधिनियम-1972 के अंतर्गत परिचय-पत्रधारी बीड़ी श्रमिक, समस्त भूमिहीन कोटवार, कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग में पंजीकृत बुनकर और शिल्पी, केश शिल्पी, पंजीकृत बहु-विकलांग एवं मंदबुद्धि व्यक्ति, एचआईव्ही संक्रमित व्यक्ति (स्वेच्छा से लाभ लेना चाहे तो), प्रदेश में निवासरत सभी अनुसूचित-जाति के परिवार, बशर्ते कि वे प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी के अधिकारी-कर्मचारी एवं आयकरदाता नहीं हों, प्रदेश में निवासरत समस्त अनुसूचित-जनजाति के परिवार, बशर्ते कि वे प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी के अधिकारी-कर्मचारी एवं आयकरदाता नहीं हों, राज्य में मत्स्य-पालन करने वाले सहकारी समितियों के पंजीकृत सदस्य और उनके परिवार, प्रदेश के पंजीकृत व्यवसायिक वाहन चालक, परिचालक और विमुक्त एवं अर्द्ध-घुमक्कड़ जाति के परिवार शामिल हैं।
खाद्यान्न वितरण पी.ओ.एस. मशीनों से
सभी पात्र परिवारों को खाद्यान्न का वितरण पीओएस मशीन से किया जा रहा है। वितरण के तीन मॉडल हैं। ऑनलाइन मॉडल में अपनी सुविधा-अपना राशन (असर), नान असर तथा तीसरा ऑफलाइन मॉडल है। ऑनलाइन मॉडल में सभी परिवारों का डाटा और उचित मूल्य दुकान से वितरण किये जाने वाली सामग्री की जानकारी ऑनलाइन अपडेट होती है। इस मॉडल की असर व्यवस्था में जिन पात्र परिवारों के आधार नम्बर डाटा-बेस में उपलब्ध है, वे परिवार नगर की किसी भी उचित मूल्य दुकान से अपनी राशन सामग्री प्राप्त कर सकते हैं। नान असर मॉडल में उचित मूल्य दुकान के पात्र परिवारों की समस्त जानकारी केन्द्रीय सर्वर से डाउनलोड कर पीओएस मशीन में रखी जाती है। पात्र परिवार को अपनी निर्धारित उचित मूल्य दुकान से सत्यापन के बाद राशन वितरण किया जाता है। यह मॉडल ऐसे स्थानों पर है, जहाँ इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध है। ऑफलाइन मॉडल ऐसे स्थानों पर हैं, जहाँ इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं है, वहाँ पात्र परिवारों का समस्त डाटा और उनकी पात्रता पीओएस मशीन में उपलब्ध करवाया जाता है। सप्ताह में एक बार इंटरनेट कनेक्टिविटी क्षेत्र में ले जाकर उचित मूल्य दुकान विक्रेता द्वारा पीओएस मशीन से सामग्री वितरण की जानकारी केन्द्रीय सर्वर पर अपलोड की जाती है। पात्र परिवारों के डाटा का डिजिटाइजेशन किया गया है। सामग्री प्रदाय की जानकारी एसएमएस से पात्र हितग्राही के मोबाइल पर भेजी जाती है।