वाप्कोस ने 42 करोड़ रुपये की अब तक की सबसे अधिक लाभांश राशि का भुगतान किया
केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज नई दिल्ली में वाप्कोस लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री आर.के. गुप्ता से 42.13 करोड़ रुपये का लाभांश चैक प्राप्त किया। उन्होंने 30 करोड़ रुपये के बोनस शेयर भी मंत्री महोदय को भेंट किये। 42.13 करोड़ रुपये का लाभांश (लाभांश कर समेत) कंपनी के गठन से लेकर आज तक दिया गया सबसे अधिक लाभांश है. 30 करोड़ रुपये के बोनस शेयर जारी किये जाने से कंपनी की चुकता पूंजी पिछले सात साल के दौरान 32.5 गुना बढ़ी है (यह 2 करोड़ रुपये से 65 करोड़ रुपये हो गयी है)।
इस अवसर पर श्री गडगकरी ने कहा कि बड़ी अवसंरचना परियोजनाओं के क्षेत्र में, खास तौर पर बांधों और जलाशयों, सिंचाई की नहरों, जल आपूर्ति व स्वच्छता, विद्युत संयंत्रों व ट्रांसमिशन लाइनों, बंदरगाहों और यहां तक कि सड़कों के निर्माण में भी वाप्कोस भारत और विदेशों में एक प्रतिष्ठित ब्रांड नाम बन गया है। उन्होंने कहा, ‘’मैं विकासशील देशों में हमारे मित्रों के साथ साझेदारी करके परियोजना सहयोग के जरिए इन देशों की क्षमता बढ़ाने के भारत सरकार के लक्ष्य को पूरा करने में कंपनी के प्रयासों से खास तौर पर प्रभावित हुआ हूं।’’
श्री गडकरी ने इस अवसर पर ‘वाप्कोस डिस्कवरिंग न्यू हॉराइज़न्स’ नाम की एक पुस्तक का भी विमोचन किया जिसमें गठन से लेकर आज तक कंपनी की विकास यात्रा को अभिलेखबद्ध किया गया है. पुस्तक में कंपनी की यू.एस.पीज. (खूबियों), महत्वपूर्ण परियोजनाओं, बड़ी उपलब्धियों और राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर कंपनी को मिली मान्यता/प्रशस्तियों को भी दर्शाया गया है. मंत्री महोदय ने इस मौके पर एक तकनीकी जर्नल (पत्रिका) ‘वाप्टैक’ का भी विमोचन किया जिसमें जल संसाधन, विद्युत और अवसंरचना विकास के क्षेत्र में तकनीकी पेपर/लेख प्रकाशित किये गये हैं।
इस अवसर पर केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह ने कहा कि वाप्कोस केन्द्र सरकार की सहायता से चलाई जाने वाली परियोजनाओं में मंत्रालय और राज्य व केन्द्र शासित प्रदेशों के बीच संपर्क की महत्वपूर्ण कड़ी है। केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने अपने भाषण में राजस्थान में कंपनी द्वारा चलाई जा रही विभिन्न परियोजनाओं का जिक्र किया। उन्होंने राज्य में विभिन्न परियोजनाओं को पूरा करने में इंजीनियरी और मैनेजमेंट संबंधी परामर्श देने में दक्ष वाप्कोस जैसी शीर्षस्थ कंपनी की सेवाओं की आवश्यकता को रेखांकित किया. केन्द्रीय जल संसाधन सचिव डॉ. अमरजीत सिंह और वाप्कोस के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री आर.के. गुप्ता ने भी समारोह को संबोधित किया।
कंपनी ने अंगोला, अफगानिस्तान, बंगलादेश, बेनिन, भूटान, बुर्कीना फासो, बुरुंडी, कंबोडिया, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, चाड, डी आर कांगो, इथोपिया, फिजी, घाना, गिनी कोनाक्री, केन्या, लाओ पीडीआर, लेसोथो, लाइबेरिया, मलावी, मालदीव, माली, मंगलोलिया, माजाम्बीक, म्यामार, नेपाल, नाइजर, नाइजीरिया, फिलिप्पींस, रवांडा, सेनेगल, सिएरा लिओन, दक्षिण सूडान, श्री लंका, स्वाजीलैंड, तंजानिया, ट्रिनिडाड एंड टोबैगो, टोगो, उगांडा, उजबेकिस्तान, यमन और जिम्बाब्वे में नये कारोबार की तलाश में पैर आगे बढ़ाए हैं. वाप्कोस ने दुनिया के कई देशों में अपनी उपस्थिति दर्ज की है और साथ ही इन देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करने में अपना योगदान किया है.
जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय के अंतर्गत तकनीकी-वाणिज्कि संगठन के रूप में वाप्कोस एक असली भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनी के रूप में उभर कर सामने आया है जिसकी मौजूदगी भारत सरकार के फ्लैगशिप कार्यक्रम ‘स्क्लिइंडिया’ और ‘मेक इन इंडिया’ की तरह आज दुनिया भर में देखी जा सकती है।