अपने कर्तब्य को जानना ही मानव जीवन है: युवराज स्वामी बदरी प्रपन्नाचार्य
श्रीमद् भागवत धाम चित्रकूट मे भागवत कथा की रसधार
चित्रकूट में नयागाॅव स्थित राजगुरू आचार्य आश्रम के पीठाधीश्वर श्रीश्री 1008 संकर्षण रामानुजाचार्य (बडे महाराज) के 85 वें प्राग्ट्योत्सव के अवसर पर शुक्रवार से श्रीमद् भागवत धाम हनुमान धारा मे शुरू हुये श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ मे तीसरे दिन कथा वाचक श्रीश्री 108 श्री युवराज स्वामी बदरी प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने जीव परमात्मा के प्रसंग का वर्णन समझाते हुये कहा कि जब जीव परमात्मा से बिछड जाता है तो क्लेश को प्राप्त करता है और जब वह परमात्मा से मिल जाता है तो सुख की अनुभूति प्राप्त करता है। श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन परम विद्धान कथावाचक युवराज स्वामी जी ने नरसिंह अवतार एवं प्रहलाद चरित्र का प्रसंग सुनाकर भक्त और शिष्यगणो को भाव विभोर कर दिया। कथा मे कोठी राजा अजयमन सिंह और बनारस के जीतेन्द्र सिंह मुख्य श्रोता रहे।
राजगुरू आचार्य आश्रम नयागाॅव के संयोजकत्व मे नवनिर्मित श्री भागवत धाम के कथा पण्डाल मे भगवत प्रेमानुरागी भक्तजन एवं भारत वर्ष के सम्पूर्ण शिष्य गण भागवत कथा का श्रवण कर रहे है। वहीं कथा पण्डाल के समीन बने विशाल यज्ञ मण्डप मे 51 कुण्डो पर श्रीमद भागवत के 18 हजार श्लोको से भागवत परायण विद्धानो द्वारा भक्तजनो से हवन आहूति समर्पित कराई जा रही है। देश देशांतर के सभी प्रांतो से आये भक्त एवं शिष्यजन पूज्य गुरूदेव के सानिध्य मे प्यार और आनंद की अनुभूति प्राप्त कर रहे है। श्रीमद भागवत कथा के तृतीय दिवस 27 दिसम्बर को नयागाॅव स्थित राजगुरू आश्रम के श्री 108 युवराज स्वामी बदरी प्रपन्नाचार्य जी ने ब्यास पीठाधीश्वर होकर कथा के प्रसंग मे पंचम स्कंद की कथा में खगोल भू-भाग पाताललोक सहित सूर्य वर्णन और अंत में नर्क का वर्णन किया। उन्होने बताया कि 21 नर्क 7 उपनर्क सहित कुल 28 नर्क में पापकर्म करने से जीव को त्रास भोगना पडता है। छठवें स्कंद में राजा परिक्षित के कहने से सुखदेव जी के उद्धार का अख्यान दिया गया। उन्होने कहा कि नारायण नाम के चार अक्षर की महिमा और उसके कीर्तन करने से जीव का उद्धार होता है। सप्तम स्कंद में हिरण्याकश्यप द्वारा ब्रम्हाजी से वरदान प्राप्त कर तीनो लोको मे महाउत्पात करने का वर्णन करते हुये स्वामी बदरी प्रपन्नाचार्य महाराज जी ने कहा कि भक्तो के दुःख को देखते हुये भगवान ने नरसिंह रूप का अवतार लेकर भक्त प्रहलाद को दर्शन दिये और उनके 21 कुल को अपने धाम जाने का वरदान दिया। उन्होने कहा कि भाव भक्ति के द्वारा भगवान का चिंतन मनन ध्यान करने वाले मनुष्य का ही नही बल्कि उसकी कई पीढियो का उद्धार होता है। युवराज स्वामी ने कहा कि जिस परमात्मा मे सृष्टि लीन हुई वह ब्रम्ह है और ब्रम्ह को जानने का प्रयास ही वरीयता है। मानव रूप में अपने कर्तब्य को जानना और पहचानना ही मानव जीवन है। श्रीमद भागवत धाम मे कथावाचन प्रतिदिन दोपहर 2 से 5 बजे तक तथा 18 हजार श्लोको के अनुसार हवनात्मक पाठ दिन मे प्रातः 9 से 12 बजे और सायंकाल 6 से 8 बजे तक किया जा रहा है। हवन पश्चात् देर रात्रि तक भारत वर्ष के प्रतिष्ठित संगीत कलाकारो द्वारा भजन संध्या का आयोजन हो रहा है। श्रीमद भागवत पाठ परायण होमात्मक विद्धान पं. शिरोमणि शास्त्री, पं. लक्ष्मण शास्त्री एवं रामजी शास्त्री द्वारा 18 हजार श्लोको से आहूतियां समर्पित की जा रही है। यज्ञाचार्य पं. दीपनारायण शास्त्री वृन्दावन धाम द्वारा आवाहित देवताओ की आहूति समर्पित करते है।
श्री रामअवतार एवं श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा आज
श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के चैथे दिन 28 दिसम्बर सोमवार को श्रीरामावतार एवं श्रीकृष्ण जन्मोत्सव, 29 दिसम्बर मंगलवार को श्रीकृष्ण लीला, गोर्वद्धन पूजा, 56 भोग, बुधवार 30 दिसम्बर को महारास लीला, श्रीकृष्ण रूक्मणी विवाह, गुरूवार 31 दिसम्बर को सुदामा चरित्र श्रीकृष्ण उद्धव संवाद और शुक्रवार 1 जनवरी 2016 को बा्रम्हण भोजन एवं विशाल भण्डारा के कार्यक्रम होगें। कथावाचन के कार्यक्रम प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से सायं 5 बजे तक होगें। 25 दिसम्बर से 31 दिसम्बर तक प्रतिदिन श्रीमद भागवत के श्लोको से हवन का कार्यक्रम प्रातः 9 बजे से 12 बजे एवं सायं 6 बजे से 8 बजे तक सम्पन्न किया जायेगा। श्री राजगुरू आचार्य आश्रम नयागाॅव चित्रकूट द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ में सभी नागरिको से सपरिवार एवं ईस्टमित्रो सहित उपस्थित होकर कथा का आंनद लेकर अक्षय पुण्य के भागीदार बनने का आग्रह किया गया है।