मंत्री श्री पारस जैन ने 8वीं तक फेल न करने की नीति समाप्त करने के निर्णय का स्वागत किया
ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन ने केन्द्रीय मंत्रि-परिषद द्वारा आठवीं कक्षा तक फेल न करने की नीति को समाप्त करने के संबंध में लिये गये निर्णय का स्वागत किया है।
श्री पारस जैन ने बताया कि उन्होंने स्कूल शिक्षा मंत्री के कार्यकाल के दौरान कक्षा आठवीं तक फेल न करने की नीति में सुधार लाने के लिये तत्कालीन केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी से अनुरोध किया था। उनके अनुरोध पर तत्कालीन केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री द्वारा राजस्थान के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. वासुदेव देवनानी की अध्यक्षता में आरटीई सुधारों के संबंध में उप-समिति का गठन किया गया था। उप-समिति के सदस्य के रूप में श्री जैन ने स्वयं इस विषय को दृढ़ता के साथ रखा कि कक्षा आठवीं तक फेल न करने की नीति पर पुनर्विचार की आवश्यकता है। इस पर उप-समिति ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया था कि बच्चों को उसी कक्षा में रखने से पहले उसे परीक्षा के जरिये इम्प्रूवमेंट का एक मौका दिया जाये। इसमें सफल न होने पर बच्चों को अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जायेगा।
श्री जैन का मानना रहा कि मजबूत नींव पर ही एक अच्छी ईमारत खड़ी की जा सकती है। बच्चों के फेल न करने की नीति के कारण शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। बच्चों के मन-मस्तिष्क में आगामी कक्षा में प्रमोट तो हो ही जायेंगे, ऐसा विचार आने के कारण वे पढ़ाई की तरफ ठीक ढंग से ध्यान केन्द्रित नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे परिणाम भी मिले कि बच्चों की नींव कमजोर हो जाने के कारण वे 9वीं कक्षा में आने पर फेल हो रहे हैं तथा आगामी कक्षा में उनका परफार्मेंस प्रभावित हो रहा है। श्री पारस जैने के अनुसार केन्द्रीय मंत्रि-परिषद द्वारा नीति में बदलाव की पहल के निश्चित रूप से सार्थक परिणाम निकलेंगे।