ज्ञान,भक्ति ,कर्म की त्रिवेणी थे आदरणीय भैयालाल शुक्ल – मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
रीवा 17 दिसम्बर 2015. प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने आज रीवा जिला मुख्यालय के समीपस्थ ग्राम हरिहर धाम (हरिहरपुर) पहुंचकर स्व. भैयालाल शुक्ल को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की । इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष डा. सीताशरण शर्मा, वित्तमंत्री जयंतमलैया , पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव, वन मंत्री डा. गौरीशंकर शैजवार और राजस्व एवं पुनर्वास मंत्री रामपाल सिंह भी उनके साथ थे ।
शिवराज सिंह चैहान आज विधानसभा अध्यक्ष व मंत्रीगणों के साथ प्रातः सवा ग्यारह बजे शासकीय वायुयान से रीवा स्थित चोरहटा हवाई पट्टी पर पहुंचे । जहां से वे हरिहर धाम के लिये सड़क मार्ग से रवाना हुये । हरिहर धाम पहुंचकर मुख्यमंत्री ने ऊर्जामंत्री राजेन्द्र शुक्ल और उनके परिजनों से भेंट की । और स्व. भैय्यालाल शुक्ल के निधन पर गहन दुःख व्यक्त किया । उन्होंने विधान सभा अध्यक्ष व मंत्रीगणों के साथ स्व. भैय्यालाल शुक्ल के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुये अपना सम्मान प्रगट किया ।
इस अवसर पर स्व. भैय्यालाल शुक्ल को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुये शिवराज सिंह चैहान ने कहा कि उन्होंने गौरव के साथ सफल और सार्थक जीवन जिया । श्री शुक्ल ने पूरी ईमानदारी निष्ठा और लगन के साथ समाज सेवा की और जनमानस में एक सम्मानित स्थान प्राप्त किया । वे ज्ञान, भक्ति और कर्म की त्रिवेणी थे जिन्होंने निष्काम योगी की तरह अपना जीवन जिया ।
मुख्यमंत्री ने विगत वर्षों में समय- समय पर उनसे हुई भेंट का स्मरण किया और कहा कि उनसे मिलनेवाले हर व्यक्ति को उनका अपनत्व प्राप्त होता था । केवल रीवा में ही नहीं पूरे प्रदेश में उनके प्रति आमजन में आदर का भाव था । स्व. भैय्यालाल शुक्ल के निधन से प्रदेश के सार्वजनिक जीवन में बड़ी गहरी रिक्तता आई है । उनका निधन प्रदेश के लिये अपूर्णीय क्षति है । शिवराज सिंह चैहान ने दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने की ईश्वर से कामना करते हुये उनके परिवार और परिजनों को यह गहन दुःख सहन करने की क्षमता प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की ।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश के ऊर्जा, खनिज साधन एवं जन सम्पर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल के पिता स्व. भैय्यालाल शुक्ल का गत 5 दिसम्बर को निधन हो गया था । उनके प्रति शोक संवेदना व्यक्त करने के लिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान आज रीवा आये थे ।