पूर्वजों का आशीर्वाद ही वर्तमान गढ़ने की ताकत है – उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ल
विंध्य क्षेत्र की राजनीति के पितु पुरुष स्व. शत्रुघ्न सिंह तिवारी के शताब्दी दशक के प्रारंभ वर्ष के पुण्य स्मरण कार्यक्रम आज गरिमामय आयोजन सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के तौर पर सम्बोधित करते हुए प्रदेश के खनिज साधन एवं उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि पूर्वजों का पुण्य स्मरण प्रेरणा देता है, वर्तमान को बनाने के लिये हमें उनके कार्यों से सीख मिलती है। स्व. शत्रुघ्न सिंह तिवारी ने रीवा व विंध्य अंचल में विकास की जो लकीरें खीचीं थीं उनको पूरा करने का दायित्व वर्तमान पीढ़ी का है, अतः हरित, उद्योग व पर्यटन की क्रांति लाकर हम रीवा को देश के नक्शे में स्थापित करने का कार्य करें जिससे यह क्षेत्र अपना स्थान बना सके।
उन्होंने कहा कि स्व. तिवारी ने जो विकास की दिशा दिखायी थी उसे आगे बढ़ाकर उनके स्मरण को चिरस्थायी बनाये रखा जा सकता है। स्व. तिवारी ने उद्वहन सिंचाई व सूखी खेती के क्षेत्र में जो शुरुआत की थी अब वह फलीभूत होकर हमारे सामने है। उनके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में स्थापित विभिन्न महाविद्यालय व हवाई पट्टी विकास की गाथा कह रहे हैं, हमें अपने गौरवशाली इतिहास से प्रेरणा व ऊर्जा लेकर आने वाली पीढ़ी को ऐसा वातावरण देना होगा जिससे विकसित व समृद्धशाली रीवा की पहचान बने। उद्योग मंत्री ने आयोजन समिति को इस गरिमामय आयोजन के लिये बधाई देते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन वर्तमान जन प्रतिनिधियों को झकझोरने का कार्य करते हैं कि वह विकास के लिये ज्यादा सजग व सतर्क होकर कार्य कर सकें।
इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में सांसद जर्नादन मिश्र ने कहा कि स्व. तिवारी जी बेवाक व कृषि के प्रति समर्पित राजनेता थे। वह दूरदर्शी सोच के व्यक्ति थे तभी तो उस समय में रीवा उन्होंने हवाई पट्टी स्थापना का कार्य कराया। उनकी निडरता व बेवाकपन से प्रेरणा लेने की बात उन्होंने कही।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए महापौर ममता गुप्ता ने स्व. तिवारी को दैदीप्यमान व्यक्ति बताते हुए जन कल्याण के लिये उनके द्वारा किये गये कार्यों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि स्व. तिवारी ने दलों में नहीं वरन दिलों में जगह बनायी। महापौर ने रीवा में स्थापित होने वाले अंर्तराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम स्व. शत्रुघ्न सिंह तिवारी के नाम से किये जाने का प्रस्ताव रखा।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री पुष्पराज सिंह ने स्व. तिवारी जी के स्पष्टवादी व बेवाकपन की चर्चा की। बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान स्थापना व वनों के राष्ट्रीयकरण में स्व. तिवारी के योगदान का जिक्र उन्होंने किया। उन्होंने कहा कि वनों के राष्ट्रीयकरण से आज सबसे ज्यादा लाभ वनवासियों को हो रहा है जिसका पूरा श्रेय स्व. तिवारी जी की सोच को जाता है। अपने उद्बोधन में पूर्व विधायक नागेंद्र सिंह ने स्व. तिवारी जी को कर्मठ पुरुष बताते हुए उनके द्वारा रीवा के विकास हेतु आवागमन के संसाधन मुहैया कराने की बात कही तथा स्व. तिवारी जी से जुड़े संस्मरण सुनाये। कार्यक्रम में बृजभूषण शुक्ल ने आयोजन समिति को साधुवाद देते हुए स्व. तिवारी जी का जिले में विकास हेतु किये गये कार्यों की चर्चा की व आयोजन को चिरस्थायी बनाने की बात कही। इस अवसर पर ऋषभदेव सिंह ने स्व. तिवारी जी की जनकल्याण व प्रगति की सेवाभाव की चर्चा की व उनके साथ बिताये अपने संस्मरण सुनाये। कार्यक्रम में रामभद्र तिवारी, एसपीएस तिवारी ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
इससे पूर्व आयोजन समिति के अध्यक्ष श्रुतिसेन सिंह तिवारी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए स्व. शुत्रघ्न सिंह तिवारी जी का पुण्य स्मरण किया। इस अवसर पर स्व. शत्रुघ्न सिंह तिवारी के समकालीन व उनके साथ कार्य करने वाली विभूतियों का अतिथियों ने शाल श्रीफल से अभिनंदन किया। आयोजन समिति द्वारा अतिथियों को स्मृतिचिंह भेंट किये गये। कार्यक्रम का शुभारंभ स्व. शत्रुघ्न सिंह तिवारी के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्जवलन से हुआ। वर्तिका शुक्ल ने वंदेमातरम गायन किया। वरिष्ठ पत्रकार एवं माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय रीवा इकाई के निर्देशक जयराम शुक्ल ने संचालन करते हुए स्व. शत्रुघ्न सिंह तिवारी के वनों के राष्ट्रीयकरण व देवभोग खदान को विदेशी स्वामित्व से बचाने की चर्चा की। कार्यक्रम के अंत में क्षितिज सिंह दुबे ने आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर आयोजन समिति के सदस्य जगन्नाथ सिंह तिवारी, रामनरेश सिंह तिवारी, डॉ. एम.के. तिवारी, पुद्युम्न प्रसाद शुक्ल, दिनेश सिंह दुबे सहित बड़ी संख्या में स्व. तिवारी जी के परिजन, हितैषी उपस्थित थे।