सहकारिता में निर्वाचन को पारदर्शी और विश्वसनीय बनाने की जरूरत
“सहकारिता में निर्वाचन की विधि और प्रक्रिया” संगोष्ठी में चुनाव आयुक्त श्री ओ.पी. रावत
भारत के निर्वाचन आयुक्त श्री ओ.पी. रावत के अनुसार प्रजातांत्रिक व्यवस्था में निर्वाचन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। सहकारिता भी प्रजातांत्रिक व्यवस्था का ही एक अंग है। सहकारिता में निर्वाचन को पारदर्शी एवं विश्वसनीय बनाना समय की जरूरत है। श्री रावत आज अपेक्स बैंक के समन्वय भवन में सहकारी विचार मंच एवं मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक्स के तत्वावधान में ‘सहकारिता में निर्वाचन की विधि और प्रक्रिया’ संगोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे।
श्री रावत ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। यहाँ 85 करोड़ मतदाताओं के लिये निर्वाचन की व्यवस्था की जाती है। भारत निर्वाचन आयोग का प्रयास रहता है कि देश में पारदर्शी, निष्पक्ष एंव समय पर निर्वाचन की व्यवस्था कर मतदाताओं का लोकतांत्रिक प्रणाली में विश्वास बनाये रखे। श्री रावत ने कहा कि निरन्तर नवीन प्रयासों से निर्वाचन व्यवस्था को श्रेष्ठ बनाने का कार्य आयोग करता है। श्री रावत ने उपस्थित श्रोताओं की निर्वाचन प्रक्रिया से संबंधित जिज्ञासाओं का समाधन भी किया।
प्रदेश की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती सलीना सिंह ने प्रदेश में निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव के बारे में जानकारी दी। राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी श्री प्रभात पाराशर ने राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी के विधिक प्रावधानों एवं सहकारी संस्थाओं में निर्वाचन की प्रगति से अवगत करवाया।
सहकारिता आयुक्त श्री कविन्द्र कियावत ने बताया कि प्रदेश में सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी की व्यवस्था लागू होने के बाद सहकारी संस्थाओं के निर्वाचन समय पर करवाया जाना संभव हुआ है। सहकारिता विभाग पूरा सहयोग निर्वाचन प्राधिकारी को प्रदान करेगा। विगत 3-4 माह में लगभग 7000 संस्था के निर्वाचन प्रस्ताव तैयार करवाये गये हैं। भविष्य में यह प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी।
संगोष्ठी को लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक श्री जव्वाद हसन और वरिष्ठ जन-कल्याण आयोग के अध्यक्ष श्री वी.जी. धर्माधिकारी ने भी संबोधित किया। प्रबंध संचालक अपेक्स बैंक श्री प्रदीप नीखरा ने आभार माना।