विद्युत कर्मियों की सजगता से बची विद्युत लाइन – क्षतिग्रस्त लाइन में सुधार कर निर्बाध की बिजली आपूर्ति

विद्युत कर्मियों की सजगता से बची विद्युत लाइन – क्षतिग्रस्त लाइन में सुधार कर निर्बाध की बिजली आपूर्ति

रीवा 21 मार्च 2025. मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एम.पी. ट्रांसको) की 132 के.व्ही. रीवा (जेपी -अल्ट्राटेक) बघवार लाइन के छुहिया घाटी स्थित टावरों से चोरी हुये पार्ट्स (एंगल) का एम.पी. ट्रांसको की ट्रांसमिशन लाइन मेंटेनेन्स टीम ने समय पर पता लगा लिया। टीम की इस सजगता और सतर्कता के कारण समय रहते क्षेत्र में लंबे विद्युत व्यवधान के साथ घने जंगल में भीषण आग लगने की आशंका को टाला जा सका। यह लाइन न केवल सीमेंट प्लांट को विद्युत आपूर्ति करती है, बल्कि इससे सिल्परा 220 के.व्ही. सबस्टेशन रीवा को भी विद्युत मिलती है।
उल्लेखनीय है कि विगत कई माह से इस लाइन के टावर पार्ट्स की चोरी हो रही थी। जिसके कारण उक्त लाइन के क्षतिग्रस्त होने की नौबत आ गई थी, यदि समय पर इन चोरी किये गये टावरों के पार्ट्स के स्थान पर नये पार्ट्स नही लगाये गये होते तो बघवार, पिपरावॅ, सरदा, मलगॉव, पटना, धौरहरा क्षेत्र के अनेक गांव के निवासियों को महीनों बिना बिजली के रहना पड़ सकता था। साथ ही घने जंगलों से गुजरने वाली यह लाइन क्षतिग्रस्त होने पर वृक्षों पर गिरती तो न केवल जंगल में आग लगने का निश्चित खतरा रहता बल्कि इससे बड़े क्षेत्र में जनधन हानि की आंशका पैदा हो जाती। चूंकि इस लाइन के नीचे से अनेक 33 एवं 11 के.व्ही. की लाइने भी गुजरती है जिसके कारण यह लाइनें भी क्षतिग्रस्त होती, जिससे बडे इलाके में लंबे समय तक विद्युत व्यवधान हो सकता था।

ट्रांसमिशन लाइन मेंटेनेन्स की टीम द्वारा उक्त लाइन की लगातार रात्रिकालीन पेट्रोलिंग कराई गई, साथ ही घाटी के आसपास के क्षेत्र में टावर पार्ट्स की तलाशी भी की गई। एम.पी. ट्रांसको के कार्मिकों द्वारा लाइन पेट्रोलिंग एवं निरीक्षण के दौरान कुछ टावर पार्ट्स स्थानीय कबाड़ की दुकानों में पाये गये जिसकी सूचना तत्काल चौकी प्रभारी, पुलिस चौकी पिपरावॅ जिला सीधी को दी गई एवं पुलिस टीम के साथ जाकर कई स्थानों से टावर पार्ट्स बरामद किये गये। इसी तरह 132 के.व्ही. रीवा- (जेपी -अल्ट्राटेक) बघवार लाइन से चोरी कर घरों एवं दुकानों में लगाये गये दो दर्जन से अधिक टावर पार्ट्स को भी पुलिस एवं लाइन स्टाफ की मदद से निकलवाया गया। अभियंतागण श्री अमित कुमार एवं श्री अजय कुमार चौरसिया द्वारा पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं जिला प्रशासन के सहयोग से प्राथमिकी दर्ज कराई गई।

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