बाढ़ तथा अतिवृष्टि से निपटने के लिए सभी तैयारियां रखेंं – कलेक्टर
बाढ़ तथा अतिवृष्टि से निपटने के लिए सभी तैयारियां रखेंं – कलेक्टर
बाढ़ से निपटने के लिए सूचना तंत्र को मजबूत रखकर सूचनाओं का समय पर आदान-प्रदान हो –कलेक्टर
रीवा 30 जुलाई 2024. कलेक्ट्रेट के मोहन सभागार में आयोजित बैठक में कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने बाढ़ तथा अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए की जा रही तैयारियों की समीक्षा की। कलेक्टर ने कहा कि आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी अधिकारी बाढ़ एवं अतिवृष्टि से निपटने की सभी तैयारियाँ रखें। बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में राहत और बचाव के लिए आवश्यक तैयारी रखें। जिले में मुख्य रूप से त्योंथर क्षेत्र के गांवों तथा रीवा शहर के कुछ मोहल्ले बाढ़ से प्रभावित होते हैं। अधिक वर्षा की स्थिति में इन क्षेत्रों में सजगता से निगरानी करें। सभी एसडीएम अपने-अपने अनुभाग में आपदा प्रबंधन के लिए आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करें। सभी एसडीएम, सीएमओ तथा जनपद के सीईओ अपने वाहनों में टार्च, रस्सी तथा लाउड स्पीकर की व्यवस्था रखें।
कलेक्टर ने कहा कि जिला के साथ-साथ सभी तहसीलों में बाढ़ संबंधी सूचनाएं देने के लिए कंट्रोल रूम संचालित रहें। कार्यपालन यंत्री जल संसाधन सभी बांधों में स्थापित कंट्रोल रूम से सूचनाएं लेकर जिला और तहसील के कंट्रोल रूम को समय पर देना सुनिश्चित करें। जिले में टमस, बीहर, बेलन तथा मिर्जापुर जिले में अतिवर्षा व वहां के बांधों के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है। बाणसागर बांध, बकिया बराज तथा उत्तर प्रदेश के मेजा, सिरसी एवं अदवा बांधों में तैनात अमले के साथ लगातार सूचनाओं का आदान प्रदान करें।सभी एसडीएम बाढ़ की स्थिति में प्रभावितों को सुरक्षित रखने, उनके भोजन तथा उपचार आदि की व्यवस्था रखें। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नाव रखने वाले तथा तैराकों की ग्रामवार सूची रहे। ग्राम स्तर के कर्मचारियों के फोन नम्बर प्राप्त कर कंट्रोल रूम में रखें। आपदा प्रबंधन के लिए तैनात अधिकारियों-कर्मचारियों के मोबाइल नम्बर अपडेट हो। कमाण्डेंट होमगार्ड जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के सहयोग से जिले के सभी जलप्रपातों में सुरक्षा उपाय तथा बोर्ड लगाना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिये कि वर्षाकाल में जो रपटे पानी आने के कारण प्रभावित रहते हैं वहां संकेतक लगे रहें तथा इसका टीम भेजकर परीक्षण करायें।
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि कार्यपालन यंत्री पीएचई बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में जल शोधन दवाएं भण्डारित कराएं। वर्षाकाल में दूषित जल से डायरिया फैलने की आशंका रहती है इसलिए वहां पीएचई पानी के सैंपल लेकर क्लोरीनेशन करें तथा गांवों में क्लोरीन आदि की गोलियाँ भण्डारित करायें। सीएमएचओ राहत एवं बचाव कार्य के लिए आवश्यक दवाओं की व्यवस्था कर लें। बैठक में संयुक्त कलेक्टर पीके पाण्डेय ने बाढ़ की स्थिति में राहत एवं बचाव के लिए किए गए प्रबंधों की जानकारी दी। जिला होमगार्ड अधिकारी ने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए दल गठित कर दिए गए हैं। साथ ही आवश्यक उपकरणों की मरम्मत भी करा ली गई है। बैठक में एसडीएम त्योंथर राजेश जैन सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।