142 गांवों में पिछले सप्ताह बिजली पहुंचाई गई, डीडीयूजीजेवाई के तहत अब तक 8,384 गांवों में बिजली पहुंचाई गई

The Minister of State (Independent Charge) for Power, Coal and New and Renewable Energy, Shri Piyush Goyal interacting with officials on 'Innovative Budgeting & Effective Implementation' and 'Accelerated Growth with Inclusion & Equity', in New Delhi on March 14, 2016. 	The Secretary, Ministry of Power, Shri P.K. Pujari and the Secretary, Ministry of Coal, Shri Anil Swarup are also seen.

देश भर के 142 गांवों में पिछले हफ्ते (13 से 19 जून 2016) के बीच दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) के तहत बिजली पहुंचाई गई।

इनमें अरुणाचल प्रदेश- 6,  असम- 80, झारखंड- 16, मेघालय- 15 राजस्थान-05 , ओडिशा-6, उत्तर प्रदेश-03, बिहार- 5, कर्नाटक-2, छत्तीसगढ़ -01 तथा हिमाचल प्रदेश में -01 गांव शामिल हैं।

 देश भर के गांवों में जारी विद्युतीकरण के काम में हो रही प्रगति की जानकारी http://garv.gov.in/dashboard से भी प्राप्त की जा सकती है।

मौजूदा विद्युतीकरण प्रक्रिया के बारे में जानकारी

स्‍वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के राष्‍ट्र को दिए संबोधन पर अमल करते हुए भारत सरकार ने 1000 दिन के भीतर यानी 01 मई 2018 तक शेष 18,452 गैर-विद्युतीकृत गांवों में विद्युतीकरण

 करने का फैसला किया है। इस परियोजना को अभियान के रूप में शुरू किया गया है और विद्युतीकरण की रणनीति में कार्यान्‍वयन की अवधि 12 महीनों में सीमित करना तथा गांवों के विद्युतीकरण की

 प्रक्रिया को निगरानी के लिए निश्चित समयावधि सहित 12 स्‍तरों में विभाजित किया गया है।

अब तक 8,384 गांवों का विद्युतीकृत किया जा चुका है। शेष 10,068  गांवों में से 459 गांवों में कोई बसा‍वट नहीं हैं। 6,481 गांवों तक ग्रिड के माध्‍यम से बिजली पहुंचाई जानी है,

 भौगोलिक बाधाओं के कारण  2,787 गांवों तक  ऑफ ग्रिड के माध्‍यम से बिजली पहुंचाई जानी है तथा 341 गांवों का विद्युतिकरण स्‍वयं राज्‍य सरकार द्वारा किया जाएगा। अप्रैल, 2015

 से 14 अगस्‍त, 2015 तक 1654 गांवों का विद्युतिकरण किया गया और सरकार द्वारा मिशन मोड में पहल किए जाने के बाद 15 अगस्‍त, 2015 से 19 जून 2016 तक 6,730 अतिरिक्‍त

 गांवों का विद्युतिकरण किया गया।

 इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए ग्राम विद्युत अभियंता (जीवीए) के जरिए बारीकी से नजर रखी जा रही है औरनियमित अंतराल पर कई अन्य कदम भी उठाए जा रहे हैं,

जैसे आरपीएम बैठक के दौरान  मासिक आधार पर प्रगति की समीक्षा और उन गांवों की सूची को भी राज्य कीबिजली कंपनियों से साझा किया जा रहा है जहां विद्युतीकरण की प्रक्रिया जारी है।

 साथ ही ऐसे गांवों की भी पहचान की जाती है,

जहां विद्युतीकरण की प्रक्रिया देरी से चल रही है।

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