विश्व की सबसे बड़ी रीवा सौर परियोजना तय सीमा में पूरी हो

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ऊर्जा मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल की परियोजना सलाहकार सुश्री इसाबेल चैटरटन से भेंट

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा तथा जनसंपर्क मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल से आज उनके निवास पर आईएफसी एशिया-पेसिफिक प्रमुख सुश्री इसाबेल चैटरटन ने भेंट कर विश्व की सबसे बड़ी रीवा अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना की प्रमुख गतिविधियों से अवगत करवाया। श्री शुक्ल ने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी रीवा सौर परियोजना एक प्रतिष्ठित परियोजना है। इसके सभी कार्य तय सीमा में पूरे होना चाहिये, जिससे यह अपने निर्धारित समय में क्रियाशील हो सके। प्रमुख सचिव, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा श्री मनु श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।

मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने परियोजना की अद्यतन प्रगति की जानकारी प्राप्त की तथा संतोष व्यक्त किया। उन्होंने निर्देश दिये गये कि सभी आवश्यक कार्यों को नियत समय-सीमा में पूर्ण किया जाए। जिससे परियोजना निर्धारित समयावधि, 30 जून 2017 तक पूरी क्रियाशील हो सके।

ऊर्जा मंत्री श्री शुक्ल को रीवा परियोजना के लिए एक अप्रैल 2016 को संपादित सफल प्री-बिड मीटिंग के संबंध में अवगत करवाते हुए उल्लेख किया कि इसमें बडी संख्या में राष्ट्रीय तथा अंर्तराष्ट्रीय स्तर की नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों द्वारा सहभागिता की गयी। यह भी बताया गया कि विकासकों व्दारा रीवा परियोजना को लेकर मिल रही उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया से विकासक चयन प्रक्रिया में बडे स्तर की सहभागिता अनुमानित है। इसके अलावा परियोजना क्रियान्वयन के लिए अग्रिम चरणों में बिड प्रक्रिया में किये जाने वाले कार्यों की समय-सीमा की जानकारी भी दी गयी।

रीवा अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना

रीवा अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना वर्तमान में एक ही स्थान पर विकसित की जा रही विश्व की सबसे बड़ी परियोजना है। परियोजना को लेकर देश में ही नहीं, विदेशों से भी उत्सुकता है। संयुक्त राज्य अमेरिका के राजदूत श्री रिचर्ड वर्मा ने भी अपनी भोपाल यात्रा में रीवा सौर परियोजना के लिए उत्सुकता व्यक्त की। परियोजना के आकार एवं वैश्विक सहभागिता को ध्यान में रखकर इंटरनेशनल फायनेंस कॉरपोरेशन की सलाहकार सेवाएँ तकनीकी, लीगल व्यावसायिक, रेग्युलटरी आधार पर परियोजना के समग्र विकास के लिए ली जा रहीं हैं। परियोजना के लिए विश्व बैंक द्वारा रियायती दर पर ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है। इससे परियोजना का आंतरिक आधारभूत ढॉचा तथा आंतरिक विद्युत ट्रांसमिशन सिस्टम (33X220 KV) का विकास किया जा रहा है। पॉवर-ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा परियोजना के अंतर्राज्यीय ग्रिड संयोजन के लिए 400 KV सब स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है। परियोजना से उत्पादित विद्युत म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट तथा दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को विक्रय की जायेगी।

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