ऊर्जा मंत्री ने की नल-जल योजना और पेयजल आपूर्ति की समीक्षा
19-05-16
प्रदेश के ऊर्जा, खनिज साधन एवं जनसम्पर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने आज स्थानीय उद्यानिकी सभागार में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, पी.एच.ई., विद्युत तथा एम.पी.आर.डी.सी. विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर रीवा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत पेयजल आपूर्ति, नल-जल योजना, हैण्डपंपों की मरम्मत, तालाब गहरीकरण, विद्युत आपूर्ति, कृषक अनुदान योजना और मुख्यमंत्री स्थायी पंप कनेक्शन योजना के बारे में ग्राम पंचायत बार समीक्षा की।
इस दौरान जनपद अध्यक्ष रीवा के.के. त्रिपाठी, अध्यक्ष रायपुर कर्चु. भूपेन्द्र सिंह, पंचायतों के सरपंच, जनपद सदस्य, राजेश पाण्डे, विवेक दुबे, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत नीलेश परीख, अनुविभागीय अधिकारी एल.एल. अहिरवार, जनपद पंचायत रीवा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रदीप दुबे सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि नागरिकों को पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कराना हमारी प्राथमिकता है और इस कार्य में धन की कमी आड़े नहीं आयेगी। उन्होंने ग्राम पंचायतवार पेयजल की स्थिति की समीक्षा करते हुये चालू और बंद नल-जल योजना की समीक्षा की। ऊर्जा मंत्री ने हैण्डपंपों की संख्या और बंद तथा चालू हैण्डपंप और राइजर पाइप बढ़ाये गये हैण्डपंपों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने एम.पी.आर.डी.सी. के अधिकारी को निर्देश दिये कि वे वनकुइंया रोड का कार्यपालन यंत्री पी.एच.ई. व जनपद अध्यक्ष के साथ स्थल निरीक्षण करें। सड़क निर्माण में जो हैण्डपंप हटाये गये हैं उन्हें उपयुक्त स्थानों पर स्थापित किया जाना सुनिश्चित करें।
नल-जल योजना की समीक्षा के दौरान राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि सरपंच पेयजल योजनाओं के सभी नेटवर्कों को चालू करें। एक स्त्रोत के असफल हो जाने की स्थिति में दूसरे स्त्रोत से योजना को चालू किये जाने का विकल्प ढ़ूढ़ना चाहिये। उन्होंने कहा कि जन भागीदारी के तहत पेयजल योजना को संचालित करें जन भागीदारी से नहीं होने की स्थिति में विधायक निधि से राशि उपलब्ध कराये जाने की बात भी उन्होंने कही। उन्होंने ग्राम पंचायत वार सरपंचों से पेयजल आपूर्ति के बारे में चर्चा करते हुये स्पष्ट किया कि पेयजल आपूर्ति के लिये हर संभव पहल की जायेगी। इसके लिये विधायक निधि से एक करोड़ रूपये उपलब्ध कराने की बात भी उन्होंने कही।
बाणसागर की नहरों से तालाबों को भरने की चर्चा करते हुये उन्होंने कहा कि सभी तालाबों को भरना सुनिश्चित किया जाये। जन प्रतिनिधियों के साथ- साथ उन्होंने एस.डी.एम. तथा सी.ई.ओ. से भी कहा कि वे इस को प्राथमिकता पर लें। तालाबों के भरने से न केवल आस-पास का जल स्तर ऊपर आ जायेगा अपितु मनुष्यों के साथ- साथ पशु-पक्षी भी लाभान्वित होंगे।
समीक्षा बैठक के दौरान ऊर्जा मंत्री ने गांवों में बिजली की उपलब्धता और बिजली बिलों के बारे में शिकायतों के संबंध में सरपंचगणों से पूंछताछ की। उन्होंने कहा कि 24 घंटे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित रहे इसके लिये आवश्यक है कि बिजली बिलों का भुगतान भी उपभोक्ताओं द्वारा किया जाये। उन्होंने ग्रामीणजनों से समाधान योजना का लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने विद्युत मंडल के अधिकारियों से कहा कि ग्रामों में शिविर लगाकर समाधान योजना के बारे में समझाइश देकर उपभोक्ता को लाभान्वित करें। ऊर्जा मंत्री ने किसान अनुदान योजना, एडीशनल ट्रांसफार्मर लगाने की स्थिति, स्थायी पंप कनेक्शन योजना के बारे में भी विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने विद्युत मंडल अधिकारियों से कहा कि जिन 51 ग्रामों में विद्युत पोल लगने के बाद भी तार न खींचे जाकर बिजली आपूर्ति नहीं हो रही है, ऐसे सभी ग्रामों में शीघ्र ही तार खींचने व ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने का कार्य पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि वे इन अधूरे कार्यों की प्रगति की समीक्षा के लिये बैठक अलग से लेंगे। ऊर्जा मंत्री ने कटिया फसाये जाने की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि ऐसे लोगों द्वारा उपभोग की गई विद्युत का बिल दूसरे लोगों को चुकाना पड़ता है। उन्होंने सरपंचगणों से कहा कि वे इस तरह के कार्य करने वालों की सूची बनाकर गोपनीय तौर से विद्युत मंडल को दें जिससे ऐसे लोगों के यहां मीटर लगाने की कार्यवाई की जा सके। बैठक के दौरान राजेश पांडे एवं विवेक दुवे ने भी पेयजल की सुचारू व्यवस्था और विद्युत आपूर्ति के संबंध के अपने उपयोगी सुझाव दिए।