विश्व धरोहर सप्ताह में देउर कोठार बौद्ध स्मारक में आयोजित हुआ कार्यक्रम
रीवा 19 नवम्बर 2022. विश्व धरोहर सप्ताह में देउर कोठार बौद्ध स्मारक में भारत सरकार के पुरातत्व सर्वेक्षण जबलपुर मंडल द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वरहट में मध्यप्रदेश के प्राचीन स्मारकों एवं भारत के विश्व धरोहर स्थल पर केन्द्रित प्रदर्शनी भी लगाई गई। यह प्रदर्शनी सुबह से शाम तक दर्शकों के लिए खुली रहेगी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री श्री पुष्पराज सिंह ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री श्री मोदी का संकल्प है कि हमारा देश विश्वगुरू बने। इसी परिकल्पना को दृष्टिगत रखकर गुरू स्थानों को सशक्त किए जाने का कार्य किया जा रहा है। जिन स्थानों पर हमारे धर्मगुरू या गुरू रहते थे वह स्थान मजबूत हों, वहाँ धर्मावलंबी पहुंचे तथा वहाँ के इतिहास से रूबरू हों। इसके साथ ही पर्यटन स्थलों का भी विकास किया जा रहा है जिससे पर्यटन के क्षेत्र में भी स्थानों को महत्व मिले। उन्होंने बताया कि बद्रीनाथ धाम में लक्ष्मणबाग संस्थान रीवा द्वारा धर्मशाला/आश्रम बनाया जाएगा ताकि विन्ध्य के लोग वहाँ रूक सकें। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री श्री प्रहलाद पटेल पर्यटन के क्षेत्रों के विकास में लगातार प्रयासरत है। जिसका लाभ विन्ध्य क्षेत्र को भी मिलेगा। अयोध्या, चित्रकूट के साथ बांधवगढ़ को छोड़कर पर्यटक इस अंचल का भ्रमण कर सकेंगे।
इस अवसर पर कलेक्टर मनोज पुष्प ने कहा कि इतिहास हमेशा दोहराता है। रीवा, प्रयागराज, मिर्जापुर व बनारस से मुंबई तक औद्योगिक कॉरिडोर का लाभ इस क्षेत्र को मिलेगा। रीवा जिले में सड़क, ट्रेन के टनल के माध्यम विकास के नए सोपान स्थापित किए जा रहे हैं। पुरातत्व व संस्कृति को सहेजते हुए विकास के नए मापदण्ड कायम किए जाएंगे। देउर कोठार क्षेत्र को संस्कृति व पर्यटन के क्षेत्र के तौर पर विकसित कर प्रयागराज व सारनाथ से पर्यटकों व धर्मावलंबियों को लाए जाने के प्रयास किए जाएंगे ताकि वह बौद्धकालीन प्राचीन स्तूप के साथ-साथ बघेलखण्ड के किस्से-कहानियों से भी अवगत हो सकें। उन्होंने स्थानीय बच्चों को गाइड के तौर पर तैयार करने की बात कही। अतिथियों ने स्तूप का निरीक्षण किया।
कार्यक्रम में अधीक्षक पुरातत्वविद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण जबलपुर मंडल डॉ. शिवकांत वाजपेयी, पूर्व विभागाध्यक्ष एआईएचसी एवं पुरातत्व बीएचयू बनारस डॉ. सीताराम दुबे, विभागाध्यक्ष प्राचीन भारतीय इतिहास अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा प्रो. महेश श्रीवास्तव, रीतेश सिंह सहित देउर कोठार, विभागीय अधिकारी-कर्मचारी, स्थानीयजन, बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।