सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, में ह्मदय रोग विभाग का नया कीर्तिमान
रीवा 07 अप्रैल 2022. सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, रीवा के कार्डियोलॉजी विभाग में गत दिवस डॉ. . एस . के त्रिपाठी द्वारा एक हार्ट फेलियर मरीज की जीवन रक्षा के लिए पहली बार एक जटिल प्रक्रिया इंप्लाटेवल कार्डियोवर्टर डिफ्रंबिलेटर इंम्प्लांट सफलतापूर्वक किया गया। यह जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि मरीज पूरी तरह से हार्ट ब्लॉक के साथ- साथ हृदय की जानलेवा तेज धड़कन के शिकार हो रहा था विना प्रोसिजर के मरीज की जान भी जा सकती थी। प्रोसिजर करने से अब मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है। इसी दिन अस्पताल में चार मरीजों की जिनकी ह्दय नस 100 प्रतिशत बंद थी जीवन रक्षा के लिए सफलतापूर्वक एंजियोप्लास्टी की गई जिससे मरीजों की जान बचायी जा सकी।
अधीक्षण डॉ. अक्षय श्रीवास्तव ने बताया कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग ने पहली बार कोई ऐसी बड़ी उपलब्धि अर्जित नहीं की है बल्कि इससे पूर्व भी कार्डियोलॉजी विभाग के चिकित्सकों ने अनगिनत ऐसे प्रोसजिर क्रियान्वित किये हैं जो पहले दूरदराज के शहरो एवं राजधानी क्षेत्रों में ही संभव थे । उन प्रोसिजरों में डबल चेंबर पेसमेकर, ई.पी. स्टडी एंव एबलेशन . सी.आर.टी.डी. एवं बलून मेट्रोब्लावोटॉमी इत्यादि का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन कर मरीजों की जान बचाई गई है । उन्होंने बताया कि यह प्रोसिजर पहले केवल बड़े शहरो एवं महानगरों में किये जाते थे परन्तु अब सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भी अत्याधुनिक मशीनों के आने तथा कार्डियोलॉजी विभाग में सुशिक्षित चिकित्सकों की पदस्थापना होने के कारण सभी हार्ट के प्रोसीजर अब सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, में संभव हो पा रहे हैं।