जन अभियान परिषद के तत्वाधान में व्याख्यान माला का आयोजन संपन्न

रीवा 26 सितम्बर 2021. जन अभियान परिषद रीवा के तत्वावधान में जिला पंचायत सभागार में व्याखायान माला का आयोजन किया गया। इस दौरान जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी एबी खरे सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। एकात्म मानववाद का उद्देश्य व्यक्ति एवं समाज की आवश्यकता को संतुलित करते हुए प्रत्येक मानव की गरिमा और जीवन सुनिश्चित करना है। यह प्राकृतिक संसाधनों के संधारणीय उपयोग का समर्थन करता है। जिससे कि उन संसाधनों की पुनः पूर्ति की जा सके, आज वैश्विक स्तर पर एक बड़ी जनसंख्या गरीबी में जीवन यापन कर रही है विश्व भर में विकास के कई मॉडल लाए गए लेकिन आशा अनुरूप परिणाम नहीं मिला, अतः दुनिया को एक ऐसे विकास मॉडल की तलाश है जो एकीकृत और संधारणीय हो। एकात्म मानववाद ऐसा ही एक दर्शन है, जो अपनी प्रकृति में एकीकृत एवं संधारणीय है । एकात्म मानववाद न केवल राजनीतिक बल्कि आर्थिक एवं सामाजिक लोकतंत्र एवं स्वतंत्रता को बढ़ाता है। यह सिद्धांत विविधता को प्रोत्साहन देता है अतः भारत जैसे विविधता पूर्ण देश के लिए यह सर्वाधिक उपयुक्त है। उक्त उदगार जन अभियान परिषद द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर जिला पंचायत सभागार में आयोजित व्याख्यान कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में सामाजिक चिंतक केशव पाण्डेय ने व्यक्त किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक जयराम शुक्ला ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म सितंबर 1916 को मथुरा जिले के नगला चंद्रभान ग्राम में हुआ था उन्होंने पिलानी आगरा और प्रयाग से अपनी शिक्षा पूरी की। अपने संक्षिप्त जीवन काल के दौरान उन्होंने राजनीतिक क्षेत्र, दार्शनिक क्षेत्र, पत्रकारिता एवं लेखन क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए। उन्होंने बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक दार्शनिक समाजशास्त्री, अर्थशास्त्री एवं राजनीतिज्ञ थे। इनके द्वारा प्रस्तुत दर्शन को एकात्म मानववाद कहा गया जाता है, जिसका उद्देश्य एक ऐसी स्वदेशी सामाजिक आर्थिक मॉडल प्रस्तुत करना था जिसके विकास के केंद्र में मानव हो पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने पश्चिमी पूंजीवादी, व्यक्तिवाद एवं मार्क्सवादी, समाजवाद दोनों का विरोध किया, लेकिन आधुनिक तकनीक एवं पश्चिमी विज्ञान का स्वागत किया। यह पूंजीवाद एवं समाजवाद के मध्य एक ऐसी राय के पक्षधर थे जिसमें दोनों प्रणालियों के गुण तो मौजूद हो, लेकिन उनके अतिरेक एवं अलगाव जैसे अवगुण ना हो। व्याख्यानमाला को वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता डॉक्टर प्रभाकर चतुर्वेदी ने भी संबोधित किया उन्होंने बताया कि पंडित जी का मत था कि पूंजीवादी एवं समाजवादी विचार धाराएं केवल मानव के शरीर एवं मन की आवश्यकता के ऊपर विचार करती है, इसलिए वह भौतिकवादी उद्देश्य पर आधारित है, जबकि मानव के संपूर्ण विकास के लिए इनके साथ साथ आत्मिक विकास भी आवश्यक है। साथ ही उन्होंने एक वर्गहीन, जातिहीन और संघर्ष मुक्त सामाजिक व्यवस्था की परिकल्पना की थी।

व्याख्यान कार्यक्रम में युवा नेत्री प्रज्ञा त्रिपाठी ने भी संबोधित किया। उन्होंने बताया कि एकात्म मानववाद का उद्देश्य प्रत्येक मानव को गरिमा पूर्ण जीवन प्रदान करना है एवं अंत्योदय अर्थात समाज के निचले स्तर पर स्थित व्यक्ति के जीवन में सुधार करना है। यह दर्शन न केवल भारत अपितु सभी विकासशील देशों में सदैव प्रासंगिक रहेगा। कार्यक्रम के प्रारम्भ में व्याख्यानमाला का विषय प्रवर्तन करते हुए जन अभियान परिषद के संभाग समन्वयक प्रवीण पाठक ने बताया कि यह कार्यक्रम जन अभियान परिषद द्वारा प्रदेश के सभी जिला और संभागीय मुख्यालयों पर आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम का उद्देश्य पंडित दीनदयाल जी के दर्शन को जन-जन तक पहुंचाना और उनके कृतित्व और व्यक्तित्व से समाज को अवगत कराना है। उन्होंने बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय उन आदर्श पुरुषों में से एक थे जिनके विचार को समर्थकों और विरोधियों ने एक समान रूप से स्वीकार किया। वास्तव में वे एक ऐसे राजनीतिक दर्शन को विकसित करना चाहते थे जो भारत की प्रकृति और परंपरा के अनुकूल हो और एक राष्ट्र की सर्वांगीण उन्नति करने में समर्थ हो। अपने इस दर्शन को उन्होंने एकात्म मानववाद नाम दिया था। पंडित दीनदयाल जन्मना नहीं कर्मणा महान थे। श्री उपाध्याय मूल विचारक थे युवावस्था में ही प्रबल बुद्धि व्यक्ति और समाज स्वदेश और स्वधर्म परंपरा तथा संस्कृति जैसे गूढ़ विषयों की ओर आकृष्ट हो चुके थे। अतः इन विषयों का गहन अध्ययन किया चिंतन और मनन किया। परिणामस्वरूप उस प्राचीन मनीषा के आधुनिक व्याख्या कार के रूप में उभरे जिसने भारतीय समाज को स्वाभाविक रूप में प्रकट होने वाले विभिन्न अंतर्विरोधों पर विजय पाने की योग्यता प्रदान की। जिला पंचायत सभागार में आयोजित व्याख्यानमाला में बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि व्यापारिक एवं धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन जन अभियान परिषद के विकासखंड समन्वयक सुषमा शुक्ला के द्वारा किया गया व आभार प्रदर्शन विकासखंड समन्वयक अमित अवस्थी के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रवीण पाठक, योगेंद्र शुक्ल, प्रदीप सुमन, सिद्धार्थ श्रीवास्तव, परमजीत सिंह डंग, ज्ञान गुप्ता, उप निरीक्षक प्रमोद पाण्डेय, देवेंद्र दुबे, अमर भारती ,राजीव पाण्डेय, राजेंद्र मिश्रा, कृपाशंकर तिवारी, तमन्ना अंसारी, बीपी सिंह, साहिद परवेज सहित बड़ी संख्या में प्रतिभागी उपस्थित रह

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