व्हाइट टाइगर सफारी के वन्य प्राणियों की स्वास्थ्य सुविधाओं एवं अन्य व्यवस्थाओं के संबंध में ऑनलाइन बैठक संपन्न

रीवा 04 जनवरी 2021. महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव वाइट टाइगर सफारी मुकुंदपुर के मैनेजमेंट तथा वन्य प्राणियों के रख-रखाव के संबंध में पूर्व मंत्री एवं रीवा विधायक श्री राजेंद्र शुक्ल की अध्यक्षता में ऑनलाइन बैठक आयोजित हुई। जिसमें आलोक कुमार प्रधान मुख्य संरक्षण वन्य प्राणी मध्यप्रदेश, डॉ. एबी श्रीवास्तव जबलपुर, डॉ. मधु स्वामी, डॉ.योगेश चतुर वेटरनरी कॉलेज रीवा, डॉ. अदिति दीक्षित, डॉ.जेपी त्रिपाठी पशु चिकित्सा विभाग के साथ-साथ मुख्य वन संरक्षक रीवा आनंद कुमार सिंह, डॉ. अभय सेंगर संजय टाइगर रिजर्व, डीएफओ सतना राजेश राय, व्हाइट टाइगर सफारी संजय रायखेड़े संचालक ने भाग लिया।
ऑनलाइन बैठक में जू प्रबंधन की दृष्टि से की जाने वाली प्रशासनिक व्यवस्था एवं वन्य प्राणियों के स्वास्थ्य के लिए अपनाई जाने वाली आवश्यक व्यवस्था एवं चिकित्सा के संबंध में तकनीकी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई । साथ ही उक्त कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने हेतु दक्ष चिकित्सकों की टीम द्वारा सतत निरीक्षण एवं उपचार के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट हेतु बजट की व्यवस्था के लिए दिशा तय की गई। बैठक में ब्राीडिंग सेंटर एवं रिसर्च सेंटर निर्माण, ब्लड कलेक्टशन सेंटर व निर्माणाधीन वन्य प्राणियों के बाड़ों के कार्य को पूरा करने के लिये बजट की उपलब्धता पर भी चर्चा की गई।
बैठक में पूर्व मंत्री एवं रीवा विधायक श्री राजेंद्र शुक्ल ने चिकित्सकों द्वारा व्हाइट टाइगर सफारी में किए जा रहे उपचार कार्य पर संतोष जाहिर करते हुए कहा कि अगले एक माह तक पूर्ण सतर्कता बरतते हुए वन्य प्राणियों का उच्चतम स्तर से उपचार किया जाये, साथ ही चिकित्सकों द्वारा बताई गई आवश्यक मशीनों की व्यवस्था रीवा वेटरनरी कॉलेज में करने तथा समय सीमा में समस्त कार्यवाही जैसे अन्य जू सेंटर से व्हाइट टाइगर एवं बंगाल टाइगर के जोड़े लाने हेतु सेंट्रल जू अथॉरिटी की स्वीकृति तथा मुकुंदपुर जू में अधूरे एवं अप्रारंभ बाड़ों को पूर्ण करने हेतु बजट की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए। श्री शुक्ल ने मुकुंदपुर जू में वन्य प्राणियों के बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन हेतु एक अनुसंधान दल का गठन करने एवं उसके लिए वित्तीय प्रावधान करने के लिए भी निर्देश दिए।
बैठक में चर्चा के दौरान डॉ.एबी श्रीवास्तव एवं अन्य चिकित्सकों द्वारा वन्य प्राणियों में फैलने वाली बीमारियों के नियंत्रण हेतु किए जाने वाले उपायों के बारे में सलाह दी गयी।

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