नये कृषि कानूनों से खेती मे विकास के द्वार खुलेंगे – पूर्व मंत्री श्री शुक्ल
नये कृषि कानून खेती को बेहतर करने के लिये पूंजी और बाजार देंगे – सांसद
रीवा 18 दिसंबर 2020. पूरे प्रदेश के साथ-साथ रीवा जिले में भी जिला मुख्यालय, विकासखण्ड एवं ग्राम पंचायतों में किसान सम्मेलन आयोजित किये गये। जिला मुख्यालय में कृष्णा राजकपूर आडिटोरियम में आयोजित विशाल किसान महासम्मेलन का सांसद रीवा श्री जनार्दन मिश्र तथा पूर्व मंत्री एवं विधायक रीवा श्री राजेन्द्र शुक्ल ने शुभारंभ किया।
इस अवसर पर सांसद श्री मिश्र ने कहा कि नये कृषि कानून किसानों को खेती बेहतर करने के लिये पूंजी तथा बाजार का अवसर देंगे। खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिये इसका आधुनिकीकरण आवश्यक है। कृषि हजारों वर्षों से भारत की आजीविका का मुख्य आधार रही है। इसमें समय के साथ कई परिवर्तन हुये हैं। खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिये इसमें दीर्घकालीन सुधारों की आवश्यकता है। नये कृषि कानून खेती को आधुनिक बनाने तथा किसान को बाजार से जोड़ने का अवसर देंगे। अधिक से अधिक लोगों को रोजगार का अवसर देने तथा करोड़ो लोगों के भोजन की व्यवस्था के लिये अनाज जुटाने के लिये खेती को आधुनिक बनाना आवश्यक है। खेती में सुधार से किसान की दशा और देश की दशा दोनों में सुधार होगा।
सम्मेलन में पूर्व मंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि हमारी सरकार हर संकट में किसान के साथ है। सरकार किसान को खेती करने के लिये सिंचाई तथा बिजली की सुविधा देने के साथ प्राकृतिक आपदा से हानि होने पर पर्याप्त राहत राशि दे रही है। नये कृषि कानून खेती के विकास के द्वार खोलेंगे। न्यूनतम समर्थन मूल्य हमेशा किसानों को मिलेगा। नये कृषि कानूनों के संबंध में फैलाये जा रहे भ्रम जाल में किसान न फंसे। आज प्रदेश के 35 लाख से अधिक किसानों को 1600 करोड़ रूपये की राहत राशि का वितरण किया जा रहा है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिये लगातार प्रयास कर रहे हैं।
पूर्व मंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि फसलों को प्राकृतिक आपदा से हानि होने पर नाम मात्र की राहत राशि किसानों को मिलती थी। मुख्यमंत्री श्री चौहान की सरकार ने राजस्व परिपत्र के प्रावधानों में संशोधन करके किसानों को पर्याप्त मात्रा में राहत राशि की व्यवस्था की है। हमारी सरकार किसानों से समर्थन मूल्य पर गेंहू, धान तथा अन्य अनाजों की लगातार खरीद कर रही है। समर्थन मूल्य में निरंतर वृद्धि की जा रही है। इस संबंध में गठित स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया गया है। मध्यप्रदेश में न तो कृषि उपज मंडियां बंद हो रही हैं और न समर्थन मूल्य पर अनाजों की खरीद बंद हो रही है। नये कानून किसानों को मंडियों के साथ-साथ खुले बाजारों में अच्छे दामों पर फसल बेचने का अवसर दे रहे हैं तो किसी को आपत्ति क्यों है। किसान अपनी मर्जी से फसल बेचने के लिये स्वतंत्र हैं। सभी किसान नये कृषि कानूनों का समर्थन करें।
पूर्व मंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि रीवा सहित पूरे विंध्य क्षेत्र में बाणसागर बांध का पानी जब से पंहुचा है तब से धरती सोना उगलने लगी है। यहां खेती विकसित होने के साथ रोजगार और व्यापार का भी विकास हो रहा है। जब किसान विकास करेगा तो देश का भी विकास अवश्य होगा। सम्मेलन में कृषि विभाग द्वारा खेती में नवाचार करने वाले 25 किसानों को सम्मानित किया गया। इसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, मृदा स्वास्थ्य योजना, उद्यानिकी फसलों तथा मछली पालन से जुड़े किसान सम्मानित किये गये। सम्मेलन में विधायक सेमरिया श्री केपी त्रिपाठी, जिला पंचायत की कृषि समिति के सभापति श्री लल्लू प्रसाद कुशवाहा, रीवा संभाग के कमिश्नर राजेश कुमार जैन, कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी स्वप्निल वानखेड़े, एडीएम श्रीमती इला तिवारी, एसडीएम हुजूर फरहीन खान, उप संचालक कृषि यूपी बागरी तथा बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए।
सम्मेलन में ऑनलाइन शामिल हुए प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री
किसान सम्मेलन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। श्री मोदी ने कहा कि किसान का जीवन बेहतर करने के लिये नये कृषि कानून लाये गये हैं। हमने स्वामीनाथन आयोग की 8 साल से धूल खा रही रिपोर्ट को लागू किया है। हमारे लिये किसान अन्नदाता हैं। नये कानून किसान को समर्थन मूल्य पर अनाज बेचने के साथ-साथ अच्छे दामों में खुले बाजार में भी अनाज बेचने का अवसर दे रहे हैं। नये कानून खेती को बेहतर करने के लिये हैं। नये किसान कानून में यदि किसी तरह की कमी है तो सरकार हर मुद्दे पर किसान से बात करने को तैयार है। सर झुकाकर किसानों की चिंता मिटायेंगे।
सम्मेलन में रायसेन में आयोजित राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन का सजीव प्रसारण दिखाया गया जिसमें मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के 35 लाख 50 हजार से अधिक किसानों को 1600 करोड़ रूपये की राहत राशि का सिंगल क्लिक से वितरण किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के किसानों को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने आठ माह के कार्यकाल में मध्यप्रदेश के किसानों को उनके बैंक खाते में 82 हजार 422 करोड़ रूपये की राशि का वितरण किया है। हम खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिये कृत संकल्पित हैं।