अधिकारी माइंडसेट बना लें, गरीब के अधिकार को मै छिनने नहीं दूंगा
कलेक्टर एवं डीएफओ सुन लें, कोई पात्र आदिवासी न रहे पट्टे से वंचित
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग से की
वनाधिकार दावों के निराकरण की समीक्षा
रीवा 28 जून 2020. मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गत दिवस आयोजित वीडियो कान्फ्रेंसिंग से वन अधिकार दावों के निराकरण की जिलेवार समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी सकारात्मक माइंडसेट बना लें। गरीब के अधिकारों को मैं छिनने नहीं दूंगा। कलेक्टर एवं डीएफओ ध्यान से सुन लें। कोई भी आदिवासी जो 31 दिसम्बर 2005 या उससे पहले वन भूमि पर काबिज है उसे अनिवार्य रूप से भूमि का पट्टा मिल जाये। कोई भी पात्र आदिवासी पट्टे से वंचित न रहे। इस काम में किसी भी तरह की लापरवाही होने पर कठोर कार्यवाही होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में तीन लाख 58 हजार 339 वनाधिकार के दावे निरस्त किये गये हैं। यह दर्शाता है कि अधिकारी इस कार्य को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। आदिवासी समाज का ऐसा वर्ग है जो अपनी बात और अधिकार ठीक तरह से बता नहीं पाता है। ऐसे में उनसे पट्टों के साक्ष्य मांगना तथा इसी आधार पर दावे को खारिज करना नितांत अनुचित है। सभी कलेक्टर एवं डीएफओ समस्त निरस्त प्रकरणों का पुनरीक्षण करें एवं एक सप्ताह में रिपोर्ट दें। हर पात्र आदिवासी भाई को भू-अधिकार पत्र देना ही है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कई जिलों में वर्षों से आदिवासी राजस्व भूमि पर काबिज हैं। इनके प्रकरणों की समीक्षा करें। मुख्य सचिव इस संबंध में प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही करके आदिवासियों को राजस्व भूमि के पट्टे प्रदान करें। उन्होंने कहा कि वनाधिकार अधिनियम के तहत जो गैर आदिवासी परिवार पात्र पाये जायें उनको भी भू-अधिकार पत्र प्रदान करें। केवल गैर-आदिवासी होने के कारण निरस्त न करें। मान्य किये गये भू अधिकार पत्रों का समारोह पूर्वक वितरण किया जायेगा। इस संबंध में पृथक से निर्देश जारी किये जायेंगे। सभी कलेक्टर एक सप्ताह की समय सीमा में वनाधिकार के दावों का अनिवार्य रूप से निराकरण करें। आदिवासी बहुल अंचलों में आदिवासी पंचायतें आयोजित करें। इनमें आदिम जाति कल्याण मंत्री से वनाधिकार पट्टों का वितरण करायें।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग में मंत्रालय कक्ष से आदिम जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह वैस, प्रमुख सचिव श्री अशोक वर्णवाल तथा प्रमुख सचिव श्रीमती पल्लवी जैन गोविल शामिल रहीं।
कलेक्ट्रेट सतना के एनआईसी कक्ष से वीडियो कान्फ्रेंसिंग में रीवा संभाग के कमिश्नर राजेश कुमार जैन, कलेक्टर अजय कटेसरिया तथा वनमण्डलाधिकारी शामिल हुए। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में सभी जिलों के कलेक्टर तथा वनमण्डलाधिकारी एवं आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारी शामिल रहे।