आपसी समन्वय तथा संवाद से ही रूकेगी बाढ़ की विभीषिका – कमिश्नर डॉ. भार्गव
रीवा 10 जून 2020. अन्तर्राज्यीय बाढ़ नियंत्रण संबंधी बैठक वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कलेक्ट्रेट के एनआईसी कक्ष में आयोजित की गई। बैठक में रीवा संभाग तथा उत्तरप्रदेश के मिर्जापुर एवं प्रयागराज संभागों के अधिकारी शामिल रहे। बैठक में रीवा संभाग के कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने कहा कि आपसी समन्वय और संवाद से ही बाढ़ की विभीषिका रूकेगी। वर्षा तथा बाढ़ से जुड़ी हर महत्वपूर्ण सूचना का दोनों राज्यों के अधिकारी तत्परता से आदान-प्रदान करें। सही समय पर यदि सूचना मिलेगी तो बाढ़ की विभीषिका को हम सीमित करने में सफल होंगे। हमें उत्तरप्रदेश के किसान भाईयों के लिए सिंचाई जल के पर्याप्त भण्डारण के साथ त्योंथर क्षेत्र की आम जनता को बाढ़ की विभीषिका से बचाना भी है।
बैठक में कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि वर्तमान में सूचना संचार की तकनीक आधुनिक हो गई है। मौसम तथा वर्षा के संबंध में एक सप्ताह पूर्व से सटीक अनुमान उपलब्ध हो जाता है। अधिक और लगातार वर्षा की संभावना होने पर उत्तरप्रदेश में स्थित सिरसी, मेजा तथा अदवा बांधों को इतना खाली कर दें कि उनमें तीन-चार घंटे की भारी वर्षा का पानी समाहित हो सके। बाढ़ की स्थिति प्राय: सितम्बर माह में आती है जब सभी बांध अपनी पूरी जल भराव क्षमता में भरे होते हैं। बांधों को यदि अधिकतम जल स्तर से कुछ कम स्तर तक भरा जायेगा तो अचानक तेज तथा लगातार बारिश से उत्पन्न स्थिति पर हम नियंत्रण कर सकते हैं।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग से उत्तरप्रदेश के अधिकारियों के साथ चर्चा करते हुए कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस तथा जल संसाधन विभाग के अधिकारियों एवं बाढ़ नियंत्रण एवं निगरानी के लिए तैनात अधिकारियों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर सूचनाओं का लगातार आदान-प्रदान करें। लगातार वर्षा की स्थिति में हर आधे घण्टे में बांधों में जल भराव की स्थिति की सूचनाओं का आदान-प्रदान करें। गत वर्ष दोनों प्रदेशों के अधिकारियों ने मिलकर बाढ़ से बचाव के लिए जो निर्णय दिये थे उनका इस वर्ष भी भली-भांति पालन करेंगे तो हम बाढ़ के संकट से बच सकते हैं। बैठक में वायरलेस सेट से सूचनाओं के आदान-प्रदान, वर्षामापी केन्द्रों की जानकारी देने तथा पानी छोड़ने से पहले उचित समय पर सूचना देने के संबंध में निर्णय लिये गये।
बैठक में मुख्य अभियंता गंगा कछार परियोजना एके जैन ने बताया कि जल संसाधन विभाग के अधिकारी उत्तरप्रदेश के अधिकारियों के साथ सतत सम्पर्क में रहेंगे। जब भारी वर्षा होती है तो इसमें दोनों राज्यों के क्षेत्र शामिल होते हैं इसलिये नदियों में पानी की आवक तेजी से बढ़ती है। इसे ध्यान में रखकर यदि बांधों को कुछ खाली रखेंगे तो भारी वर्षा से उत्पन्न स्थिति पर हम नियंत्रण कर सकते हैं। त्योंथर क्षेत्र में उत्तरप्रदेश की ओर से 80 क्यूसेक से अधिक पानी आने पर बाढ़ रोकना संभव नहीं होगा। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में शामिल उत्तरप्रदेश के मिर्जापुर की कमिश्नर, पुलिस महानिरीक्षक एवं अधीक्षण अभियंता ने बैठक में लिये गये निर्णयों में सहमति व्यक्त की। कलेक्ट्रेट के एनआईसी केन्द्र से नवागत कलेक्टर इलैया राजा टी, पुलिस अधीक्षक आबिद खान, अपर कलेक्टर इला तिवारी, डिप्टी कमिश्नर केपी पाण्डेय तथा बाणसागर परियोजना एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया।