कोरोना से डरें नहीं सजग रहें आयुष जीवन शैली अपनाएँ स्वस्थ्य जीवन पायें
रीवा 17 मार्च 2020. आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धतियों में से एक है। आयुर्वेद का मुख्य एवं प्रथम प्रयोजन मनुष्य के स्वास्थ्य की रक्षा करना है, जिसमें आयुष का जीवन शैली में महत्वपूर्ण स्थान है। आयुर्वेद में जीवन शैली यानि लाइफ स्टाइल के बारे में विस्तृत वर्णन है, इसमें हमारी दिनचर्या कैसी हो। हमें किस ऋतु में कौन सा आहार लेना चाहिए कौन सा नहीं लेना चाहिए आदि। जो सीधे हमारे जीवन एवं स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। इसका बहुत ही व्यवस्थित एवं वैज्ञानिक विवरण दिया गया है। अनियमित दिनचर्चा के कारण अनेक प्रकार की बीमारियाँ, बी.पी. डायबिटीज, थाईराइड, मोटापा होता है। बदलते पर्यावरण एवं बढ़ते प्रदूषण, ग्लोबल वॉर्मिग के कारण नित नए जीवाणु विषाणु एवं रोग देखने को मिल रहे है। इन्हीं में से एक कोरोना वायरस संक्रमण है। जो चीन से शुरू होकर लगभग पूरे विश्व में फैल रहा है। किन्तु यदि हम इससे डरें नहीं बल्कि डटकर एवं सजग रहकर कुछ सावधानियाँ बरते तो हम इसे हरा सकते हैं।
अधीक्षक आयुर्वेद अस्पताल डॉ. निधि मिश्रा ने बताया कि आयुष विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा कोरोना की रोकथाम के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। यदि हम अपनी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं तो काफी हद तक हम इस लड़ाई में सफल हो सकते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए एवं बचाव हेतु हम संशमनीवटी की 2-2 गोली 15 दिन तक ले सकते हैं। साथ ही त्रिकुट, तुलसी, गिलोय का ताजा काढ़ा बनाकर पी सकते हैं जिससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, साथ ही सावधानियाँ रखते हुए कोरोना वायरस पर नियंत्रण पाया जा सकता है।