युवा अपनी मेहनत, लगन एवं कर्मठता से अपने सुनहरे भविष्य का निर्माण करें – कमिश्नर डॉ. भार्गव

अन्तर्विश्वविद्यालय राज्य स्तरीय त्रि-दिवसीय युवा उत्सव का कमिश्नर ने किया शुभारंभ

रीवा 28 दिसंबर 2019. कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने स्टेडियम में अन्तर्विश्वविद्यालयीन राज्य स्तरीय युवा उत्सव का शुभारंभ किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि विंध्य की धरा पर अन्तर्विश्वविद्यालयीन राज्य स्तरीय युवा उत्सव के मौके पर होनहार युवा अपने सुनहरे भविष्य का स्वप्न संजोये बैठे हैं। युवा राष्ट्र की प्राणशक्ति है। युवाओं में ऊर्जा, चेतना, स्फूर्ति, प्रज्ञा का अद्भुत सामथ्र्य है। युवा हमारे राष्ट्र का गर्व है। युवा अपने शौर्य और पराक्रम से असंभव कार्य कर सकते हैं। उनका यश अक्षय है और आसमान की बुलंदियों को छू सकने की सामथ्र्य रखता है। उनके पैरो में समूचे धरती को नापने का सामथ्र्य है। उनमें उमंगों का सागर बहता है। जिनकी धमनियों में अनीति, अत्याचार एवं शोषण के विरूद्ध लहू बहता है वही युवा होता है। यदि युवा के अंतर्मन में उत्साह, उमंग एवं अनीतियों से लड़ने का साहस नहीं है तो फिर वह युवा नही बल्कि 70 वर्ष के व्यक्ति से भी अधिक वृद्ध है।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. पियूष रंजन अग्रवाल, कुल सचिव लाल साहब सिंह, उप कुल सचिव नीरजा नामदेव, उच्च शिक्षा के अपर सचालक पंकज श्रीवास्तव, अतुल पाण्डेय, एस.एन. अग्रवाल, दिनेश कुशवाहा, नीरजा नामदेव, अंजली श्रीवास्तव, पूर्व कुलपति रहस्यमणि मिश्रा, विभा श्रीवास्तव, अतुल पाण्डेय, प्रो. पी.डी. सिंह, ए.पी. मिश्रा, शुभा तिवारी सहित प्रोफेसर, दस विश्वविद्यालय के प्रतिभागी उपस्थित थे।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि युवा सिर्फ अपने स्वतंत्र हौसले से अपने इरादे पूरे कर सकते हैं। युवाओं द्वारा राष्ट्र की सेवा, समाज की सेवा के अनेक उदाहरण भरे पड़े है। स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिये हमारे क्रांतिकारी भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, बिस्मिल, राजगुरू, अशफाकुल्लाह, सुखदेव ने अपने अदम्य साहस के बल पर हमें स्वतंत्रता दिलवायी। हमने आजादी युवाओं की कितनी कुर्बानियों के बाद प्राप्त की। सरकार भगत सिंह ऐसे युवा क्रांतिकारी थे जिनसे मौत भी कापती थी।
उन्होंने कहा कि युवाओं का यह सौभाग्य है कि उन्हें एक बड़े मंच पर अपनी प्रतिभा को दिखाने का मौका मिला है। जो युवा इस अवसर रूपी नाव पर सवार होकर अवसर को भुनाना जानते हैं वे स्वयं सफलता प्राप्त कर लेते है। तूफानों से आंख मिलाओं सैलाबों पर बार करों मल्लाहों की नावे छोड़ों तैरकर दरिया पार करो। युवा नये प्रयास करते जाये उन्हें सफलता अवश्य प्राप्त होगी। असफलता से घबराना नहीं चाहिये, असफलता हमें सिखाती है कि दुबारा फिर बुलंदी के साथ प्रयास करें। सफलता प्राप्त करने के लिये समुद्र की लहरों से सीखों समुद्र की लहरें उठती हैं, गिरती हैं लेकिन वे गिरकर उठना नहीं भूलती। अपने आप पर भरोसा रखना सीखिये, अपने काम पर विश्वास रखे। कामयाबी कोई उपभोक्ता वस्तु नहीं है न वह किसी मॉल में मिलती है। वह संयोग से नहीं मिलती। कड़ी मेहनत, लगन एवं कर्मठता से सफलता मिलती है। सफलता के लिये अपना हौसला चट्टान की तरह मजबूत रखना होगा। जब हम कठिनाईयों से जूझते हैं तो निखर जाते है। युवा जीवन में तरक्की करें। सफलता की नई ऊचाईयों को छूयें। सफलता हमें लोगों के बारे में परिचय मिलता है। असफलता हमें दिखाती है कि कौन अपना और कौन पराया है। यह जीवन गुलाब नहीं हैं। यदि जिंदगी गुलाब है तो उसमें कांटे भी है। हमारी सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि हमने इसके लिये कितनी मेहनत, लगन एवं निष्ठा से प्रयास किये। जब तक आप मैदान में नही जायेंगे कामयाब नहीं होगे। इस अवसर को सफलता में बदले। सांस्कृतिक चेतना से युवा पीढ़ी परिचित है। हमारा सांस्कृतिक वजूद जिंदा रहना चाहिये। भौतिकता के चंकाचौध में हम अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। सुंदर चरित्र से राष्ट्र महान बनता है। चरित्रवान युवा ही सुंदर एवं बेहतर राष्ट्र का निर्माण कर सकते हें। युवा वह है जो राष्ट्र के काम आता है जो युवा राष्ट्र के काम नहीं आता वह युवा नहीं इसलिये अपने अंदर जुनून पैदा करों।
कुलपति प्रो. पियूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि टेक्नोलॉजी के इस युग में हम अपने कैरियर एवं परिवार के भविष्य के लिये चिन्तित रहते है। हम अपनी मूल अनुभूति मूल अनुशासन खोते चले जा रहे है। राज्य स्तरीय उत्सव में दस विश्वविद्यालय के प्रतिभागी शामिल हो रहे है। यह प्रतिस्पर्धा आयोजन करने का मुख्य उद्देश्य है कि प्रतिभागी एक दूसरे की कलाओं को जानेगे, पहचानेगे। जीवन की आधार शिला अनुशासन एवं क्रियेटिविटी है। कुछ करने की क्षमता एवं अपने व्यक्तित्व का निर्माण करें। सार्वजनिक जीवन में सरस हो, मन भावन हो।
उन्होंने प्रतिभागी विश्वविद्यालय की जानकारी देते हुये बताया कि युवा उत्सव में बरकतुल्ला विश्वविद्यालय भोपाल, राजीव गांधी प्राद्यौगिकी विश्वविद्यालय भोपाल, देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय इंदौर, राजा मानसिंह तोमर विश्वविद्यालय ग्वालियर, पंडित शंभूनाथ विश्वविद्यालय शहडोल, राजा छत्रसाल विश्वविद्यालय छतरपुर, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन, जबलपुर एवं अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा के प्रतिभागी शामिल होगे। युवा उत्सव तीन दिवस तक चलेगा। प्रतिस्पर्धा में मुख्य रूप से फाइन आर्ट, मिमिक्री, स्क्रिप्ट लेखन, एकल वादन शास्त्रीय समूह गान, रंगोली, एकल नृत्य एकांकी, समूह गान एवं एकल गान पाश्चात्य आयोजित किया जायेगा।
इससे पूर्व कमिश्नर डॉ. भार्गव ने रंग बिरंगे गुब्बारे मुक्त आकाश में छोड़े। स्मृति चिन्ह प्रदान कर कमिश्नर डॉ. भार्गव का सम्मान किया गया।

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